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Hath Ratnawali (हठरत्नावली)

200.00

Author Prof. Gyan Shankar Sahaya
Publisher Chaukhamba Surbharati Prakashan
Language Sanskrit Text With Hindi Translastion
Edition 2021
ISBN 97-89389665824
Pages 167
Cover Paper Back
Size 14 x 2 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code CSP0324
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Description

हठरत्नावली (Hath Ratnawali) योग के विभिन्न स्वरूपों में क्रिया शैली के आधार पर सर्वाधिक स्पष्ट व विस्तृत योग मार्ग है हठयोग। इस योग में आरम्भ से लेकर समाधि पर्यन्त समस्त कृत्याकृत्यों का जो वर्णन मिलता है वह अन्यत्र नहीं मिलता। भगवती श्री कुल-कुण्डलिनी के उद्दीपन को लक्षित इस योग द्वारा कायिक व मानसिक स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं। तो यह कहना गलत न होगा कि यह योग भोग व मोक्ष दोनों को सिद्ध करता है।

हठरत्नावली में अष्टकर्म, वज्रोली व खेचरी मुद्रा का अत्यन्त विषद वर्णन है। लेखक ने अपनी गुरु परंपरा के ज्ञान को पुस्तक में निचोड़ कर उस ज्ञान को अमर कर दिया है। योग क्रियाओं के साथ कृत्याकृत्य व मनोकायिक व आध्यात्मिक लाभ भी बताए हैं। ऐसे में यह पुस्तक योग के विद्यार्थियों के लिए अत्यन्त उत्तम है।

हठरत्त्नावली का यह संस्करण विद्यार्थियों को ध्यान में रख कर बनाया गया है। इस संस्करण में मूल श्लोक के साथ हिन्दी सर्वेश्वरी व्याख्या, लघुप्रश्नोत्तरी व पारिभाषिक शब्दावली भी दी गई है। इसमें प्रयास किया गया है कि विभिन्न वर्णित यौगिक क्रियाओं का अन्य ग्रन्थों के आधार पर आकलन कर दिया जाए जिससे विद्यार्थियों को क्रिया के भेद ज्ञात हो सकें।

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