Hindu Dharma (हिन्दू धर्म)
₹450.00
Author | Dr. Mansingh |
Publisher | The Bharatiya Vidya Prakashan |
Language | Hindi |
Edition | 2019 |
ISBN | 978-93-884150-0-2 |
Pages | 168 |
Cover | Hard Cover |
Size | 14 x 2 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | TBVP0398 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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हिन्दू धर्म (Hindu Dharma) पुस्तक सर मोनिअर मोनिअर-विलिअम्स द्वारा विरचित प्रसिद्ध ग्रन्थ ‘हिन्दूइज्म’ का अविकल हिन्दी-रूपान्तर है। मोनिअर-विलिअम्स संस्कृतजगत् के अतीव लब्धप्रतिष्ठ विद्वान् रहे हैं, जिन्होंने ‘संस्कृत-अंग्रेजी शब्दकोश’, ‘इण्डियन विज्डम’ आदि अनेक कृतियों से संस्कृत एवं प्राच्यविद्या के क्षेत्र को उपकृत किया है। इस पुस्तक के प्रणयन में उनका मूल उद्देश्य भारत में कार्यरत ईसाई धर्मप्रचारकों को हिन्दू धर्म के सभी पक्षों का संक्षेपतः परिचय कराना रहा है, जिससे वे भारत के इस महान् धर्म के निर्बल पक्षों से सुपरिचय प्राप्त कर उन पर आघात करते हुए ईसाई धर्म का निर्बाध प्रचार कर सकें (द्रष्टव्य पृ० 126-127, 160)।
अतः स्वाभाविक ही है कि पाठकों को इसमें आद्योपान्त आलोचनागर्भा दोषान्वेषिणी दृष्टि मुखर रूप में अनुभव हो। यज्ञों में गाय तथा अन्य पशुओं की बलि (द्रष्टव्य पृ० 26 आदि विषयों का साभिप्राय प्रतिपादन किसी भी श्रद्धावान् हिन्दू के लिए उद्वेगकर है। इस प्रकार के प्रतिपादन की पर्याप्त आलोचना की जा सकती है। किन्तु यहाँ विस्तरेण विवेचन का अवसर नहीं है। अतः रूपान्तरकार मूल लेखक के विचारों को पाठकों तक सम्प्रेषित करना ही उचित समझता है और उनसे प्रतिपद विवेकपूर्ण परीक्षण का आग्रह करता है। तथापि, यह निःसन्दिग्ध है कि हिन्दू धर्म के विविध पक्षों का जैसा सर्वाङ्गीण एवं सारगर्भ परिचय इस ग्रन्थ में उपलब्ध होता है वैसा प्रायः अन्यत्र सुदुर्लभ ही है। इस दृष्टि से हिन्दू धर्म के परिचय के लिए यह ग्रन्थ अतीव उपादेय भी है। रूपान्तर का प्रयास वस्तुतः इसी तथ्य को दृष्टि में रखकर है।
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