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Kumar Sambhavam Mahakavyam 1-2 Sarg (कुमारसम्भव महाकाव्यम् प्रथम द्वितीय सर्गः)

45.00

Author Dr. Narmdeshwar Kumar Tripathi
Publisher Sharda Sanskrit Sansthan
Language Sanskrit & Hindi
Edition -
ISBN -
Pages 104
Cover Paper Back
Size 12 x 1 x 17 (l x w x h)
Weight
Item Code SSS0025
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Description

कुमारसम्भव महाकाव्यम् प्रथम द्वितीय सर्गः (Kumar Sambhavam Mahakavyam 1-2 Sarg) संस्कृत पाठ्यपुस्तकों की प्राचीन प्रणाली में वर्तमान युग की अध्यापनशैली के प्रभाव से पर्याप्त परिवर्तन आ गया है। पहले प्रत्येक शास्त्र का, एक ही विषय का स्वतन्त्र अध्ययन किया जाता था, परन्तु आज युगानुरूप स्थिति कुछ बदल गयी है। थोड़े समय में आवश्यक शिक्षा समाप्त कर हर व्यक्ति जीविका के क्षेत्र में जाने के लिए उत्सुक है। अतः प्रायः सभी परीक्षाओं के पाठ्यक्रम में निर्धारण करने वाले विद्वानों ने अनेक विषयों का समावेश कर दिया है। सरलता की दृष्टि से विस्तृत-टीकाओं का अध्ययन पूरी तरह सम्भव नहीं अतः युगानुरूप उनमें परिवर्तन लाना आवश्यक हो गया है।

इसी दृष्टि को ध्यान में रखते हुए महाकवि कालिदास के महाकाव्य कुमारसम्भव के प्रारम्भिक दो सों की यह टीका विनिर्मित है। इसमें छात्रों के ज्ञान का क्षेत्र, संक्षेप के द्वारा ही परिमार्जित करने का प्रयास किया गया है। सन्दर्भ, प्रसंग, अन्वय, व्याख्या, समास, छन्द, अलंकार, भावार्थ एवं हिन्दी अनुवाद से प्रस्तुत संस्करण को सुसज्जित किया गया है। पुस्तक के प्रारम्भ में ही कवि-परिचय, संक्षिप्त कथासार एवं कथासंबद्ध संवादादि संस्कृत में ही लिखा गया है।

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