Mangla Gauri Vrat Katha (मंगला गौरी व्रत कथा) 1821
₹15.00
Author | - |
Publisher | Savitri Thakur Prakashan, Varanasi |
Language | Sanskrit & Hindi |
Edition | 1st edistion, 2021 |
ISBN | - |
Pages | 40 |
Cover | Paper Back |
Size | 17 x 0.5 x11 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | RTP0004 |
Other | Dispatched In 1 - 3 Days |
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मंगला गौरी व्रत कथा (Mangla Gauri Vrat Katha) सावन में मंगलवार के दिन प्रातः जल्दी उठें और स्नानादि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। फिर एक साफ लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं और उसपर मां गौरी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। फिर मां मंगला गौरी के समक्ष व्रत का संकल्प करें और आटे से बना हुआ दीपक जलाएं। मंगला गौरी व्रत सुहागिन महिलाओं द्वारा पति की लंबी आयु और संतान प्राप्ति के लिए रखा जाता है। इस व्रत को करने से माता पार्वती सदा सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद प्रदान करती हैं। तो वहीं, अविवाहित युवतियां इस व्रत को अच्छे वर की प्राप्ति के लिए और विवाह में आने वाली बाधा को दूर करने के लिए रखती हैं।
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