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Muhurta Chintamani (मुहूर्तचिन्तामणि:)

Original price was: ₹425.00.Current price is: ₹361.00.

Author Kedar Datt Joshi
Publisher Motilal Banarasidas
Language Sanskrit & Hindi
Edition 2022
ISBN 978-81-208-2491-1
Pages 602
Cover Paper Back
Size 14 x 2 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code MLBD0024
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Description

मुहूर्तचिन्तामणि: (Muhurta Chintamani) विस्कन्ध ज्योतिष (१) सिद्धान्त, (२) संहिता (३) होरा) में मुहूर्त ज्यौतिष का स्थान संहिता सम्बन्ध में आता है। होरा स्कन्ध की, संहिता स्कन्ध के अनेक प्रकरणों से ममता होने से मुहूर्त-ज्योतिष, संहिता श्रोत्र होरा स्कन्ध से घनिष्ठ सम्बन्ध रखता है। संहिता बौर होरा स्कन्ध ज्यौतिष के महान् स्कन्ध तो है ही, तो भी इन दोनों शाखाओं का मूल स्रोत ग्रहगणित स्कन्ध या ग्रहमिद्धान्त स्कन्ध ही कहा जावेगा। या ज्यौतिष कल्पवृक्ष का मूल ग्रह-गणित ज्यौतिष है जो खगोलविद्या ने ज्ञात होता है। अङ्कगणित, वीजगणित, रेखागणित, श्रकोणमितिक गणित, ग्रहगोलीयरेदागणितादि अनेक उपकरण गणितों से इस सौरमण्डल की गतिविधि समझ कर, उनमे किसी भी अभीष्ट समय के क्षितिज क्रान्ति वृत्त-सम्पातरूप लग्नविन्दु के ज्ञान से विदय का, विश्व के जीवों का और विशेषकर मानव सृष्टि में उत्पन्न जातकों के शुभाशुभ भविष्यज्ञान की भूमिका उत्पन्न होती है।

इसी आधार पर ज्यौतिषशास्त्र के अमृत फल, जिसका नाम आदेश या आदेश-शास्त्र या फलादेश शास्त्र है, जिसकी रचना के कार्यक्रम में बुद्धि स्वतः प्रयत्नशील हो जाती है। इस प्रकार भविष्य फलादेश की अनेक पद्धतियाँ अनेक भेदों में आजतक उत्तरोत्तर उपलब्ध होती जा रही है। जैसे- (१) जातक ज्योतिष, (२) संहिता ज्यौतिष, (३) प्रश्न ज्योतिष, (४) नष्ट जातक, (५) पञ्चाङ्ग ज्योतिष, (६) मुहूर्त, (७) स्वप्न, (८) स्वर, (१) शाकुन, (१०) अंगदर्शन, (११) वास्तुविद्या, (१२) वृष्टि विचार, (१३) ओषधियों के प्रभाव, (१४) मनो- विज्ञान, (१५) सामुद्रिक, (१६) इष्ट सिद्धि से वाक्सिद्धि, (१७) मन्त्र-तन्त्र प्रयोग, (१८) भूतगाधनविया, (१९) समर्थ महर्ष, (२०) दूरानुभूति (टेलीपैथी, टेलीपिन्टर, टेलीविजन, टेलीफोन, टेलीग्राफ आदि आधुनिक प्रयोग) (२१) बिना सोचे समझे अकस्मात् किसी घटित के मुख से भी भविष्पज्ञान विषयक वाक्यों का उच्चारण जो कालान्तर में सही होते देखे गए हैं चौर पशुपक्षियों की बोली (काक भावा) व उनके दर्शन आदि से भविव्यज्ञान इत्यादि। इनके अतिरिक्त और भी विषय फलित ज्योतिष से सम्बन्धित होते देखे जाते हैं।

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