Muhurta Chintamani (मुहूर्तचिंतामणि)
₹166.00
Author | Dr. Ramchandra Pandey |
Publisher | Chaukhamba Sanskrit Series Office |
Language | Sanskrit & Hindi |
Edition | 9th edition, 2023 |
ISBN | 978-81-218-0050-1 |
Pages | 436 |
Cover | Paper Back |
Size | 12x 3 x 18 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | CSSO0018 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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मुहूर्तचिंतामणि (Muhurta Chintamani) भारतीय ज्योतिषशास्त्र की दिनों दिन बढ़ती हुई लोकप्रियता ने जहाँ ज्योतिषशास्त्र के अध्येताओं तथा लेखकों का उत्साह बढ़ाया है वहीं उनके कन्धों पर एक दायित्व भी डाल दिया है कि वे मूलशास्त्र का अध्ययन करें। मूल के अभिप्राय ही उन पर व्याख्या और टिप्पणी करें। मूलशास्त्र के विरुद्ध अपनी कल्पनाओं के आधार पर किया गया व्याख्यान शास्त्र की मूल भावनाओं को आहत करता है। शास्त्र सुरक्षा के साथ ही उसका प्रचार उचित होता है। प्राचीन आचार्यों ने भी एक विषय के ग्रन्य उपलब्ध रहने पर भी दूसरे ग्रन्थ की रचना करते थे। वे भी मूल भावनओं को सुरक्षित रखते हुये परिष्कार करते रहें हैं। उसी क्रम में आचार्य रामदैवज्ञ ने मुहूर्तचिन्तामणि की रचना की। अपनी प्रौढ़ता, उपयोगिता तथा प्रामाणिकता के कारण अन्य मुहूर्त ग्रन्थों की अपेक्षा मुहूर्तचिन्तामणि सर्वाधिक लोकप्रिय है।
इस ग्रन्थ में प्रायः सभी व्यावहारिक मुहूत्तों के साथ-साथ गोचर (दैनिक ग्रहगति के अनुसार होने वाले परिवर्तन एवं उनके प्रभाव), संक्रान्तियों के पुण्यकाल, उनके भेद तथा प्रभावों का उल्लेख किया है। मुहूर्तों के प्रसङ्ग में ही भारतीय वास्तुशास्त्र के मूलभूत सिद्धान्तों का भी अतिसंक्षेप में वर्णन किया गया है, जो अत्यन्त उपयोगी है। मुहूर्तचिन्तामणि एक औढ़ एवं पाण्डित्यपूर्ण अन्य है। अतः इसे सर्वजन ग्राह्य बनाने की दृष्टि से पदव्याख्या के साथ इसका हिन्दी अनुवाद प्रकाशित किया था। जिज्ञासु पाठकों ने इस व्याख्या का समादर किया।
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