Loading...
Get FREE Surprise gift on the purchase of Rs. 2000/- and above.
-10%

Narayan Bali Prayog (नारायणबलि प्रयोगः)

45.00

Author Pt. Shri Vayunand Mishra
Publisher Master Khiladilal Sankta Prashad
Language Hindi & Sanskrit
Edition 8th edition
ISBN -
Pages 110
Cover Paper Back
Size 14 x 2 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code RTP0114
Other Dispatched in 1-3 days

10 in stock (can be backordered)

Compare

Description

नारायणबलि प्रयोगः (Narayan Bali Prayog) किसी व्यक्ति के मृत्यु के बाद उस व्यक्ति का विधिवत रूप से अंतिम संस्कार, श्राद्ध एवं तर्पण न किया जाए तो उसकी आत्मा पृथ्वीलोक पर भटकती है। उनके पीढ़ी को पितृ दोष लगता है। ऐसे परिवार में जन्मे वंशजों को पुरे जीवन में अनेक कष्ट उठाने पड़ते है, तथा यह दोष एक पीढ़ी से अगली पीढ़ी तक कष्ट पहुँचाता है। पितृ दोष का निवारण नारायण बलि पूजा से होता है तथा नागबली पूजा से सर्प या नाग की हत्या से निर्मित दोष का निवारण होता है।

नारायण बलि पूजा का आयोजन प्रेतयोनि की पीड़ा से मुक्ति दिलाने के लिए की जाती है। आकस्मिक मृत्यु के बाद और अंतिम संस्कार के पहले हमारे पूर्वज प्रेतयोनि में अटक जाते है। प्रेतयोनि में ऐसे पूर्वजों की आत्मा अनेक कष्ट को भोगती है, अनेक यातनाओं से क्रोधी हो जाती है। नारायण बलि पूजा का आयोजन त्र्यंबकेश्वर में किया जाता है। जिसके लिए विशेष दिन एवं मुहूर्त की जानकारी त्र्यंबकेश्वर पण्डितजी द्वारा प्राप्त की जाती है। पितृ दोष के निवारण के लिए प्राचीन शास्त्रों में नारायण बलि की विधि बताई गयी है। नागबली पूजा के बिना यह पूजा नहीं की जाती।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Narayan Bali Prayog (नारायणबलि प्रयोगः)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Quick Navigation
×