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Naveen Vaidik Sanchyanam Set Of 2 Vols. (नवीनवैदिकसञ्चयनम 2 भागो में)

425.00

Author Dr. Jamuna Pathak & Dr. Umesh Prashad Singh
Publisher Chaukhamba Krishnadas Academy
Language Hindi & Sanskrit
Edition 2021
ISBN 978-81-218-0183-4
Pages 653
Cover Paper Back
Size 14 x 2 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code CSSO0465
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Description

नवीनवैदिकसञ्चयनम् 2 भागो में (Naveen Vaidik Sanchyanam Set Of 2 Vols.) वेद विश्वसाहित्य के प्राचीनतम उपलब्ध ग्रन्थरत्न हैं। मानव संस्कृति के प्राचीनतम रूप तथा विकास को समझने के लिए, वेदों का परिशीलन अपरिहार्य है। मानवजाति के इतिहास के ज्ञान के लिए, भारतीय संस्कृति को समझने के लिए और भाषा-वैज्ञानिक गुत्थियों को सुलझाने के लिए वेदों का अध्ययन आवश्यक माना जाता है। वेद भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति की अमूल्य निधि हैं जो आज भी वैज्ञानिक उपलब्धियों के बीच अपने ज्ञान-गौरव की अक्षुण्णता का निर्बाध रूप से उद्घोष कर रहें है। वेदों के ही आधार पर भारतीय दार्शनिक, धार्मिक तथा सामाजिक ज्ञान के भव्य प्रासाद को प्रतिभा सम्पन्न वाक् शिल्पियों ने खड़ा किया है। अत एव वेदों का अनुशीलन तथा उनके मौलिक सिद्धान्तों और तथ्यों का उद्घाटन ज्ञान के संवर्धन एवं उन्नयन के लिए विशेष उपयोगी है।

वेदों में पारलौकिक तथा इहलौकिक विषयों का उद्घाटन हुआ है। इस प्रकार वेद सम्पूर्ण ज्ञानराशि के कोष हैं। पारलौकिक ज्ञान के साथ-साथ इहलौकिक विषयों का भी समावेश होने से वेद इहलौकिक समस्याओं के समाधान के लिए भी उपयोगी हैं, वह समस्या सामाजिक हो, राजनैतिक हो, ऐतिहासिक हो, वैज्ञानिक हो अथवा अन्य किसी प्रकार की हो। आज के परिवेश में भी उठने वाली समस्त समस्याओं का समाधान वेदों द्वारा किया जा सकता है। अतः वेदों के ज्ञान की जितनी आवश्यकता वैदिक-काल में थी, उतनी ही नहीं, प्रत्युत उससे भी अधिक आवश्यकता आज है। वेदों के ज्ञान और उसके अनुसार आचरण करने से मानव जाति ही क्या, समस्त प्रकृति के चराचर जगत् के सम्मुख कोई समस्या ही नहीं रह जाएगी।

वेद-ज्ञान की उपयोगिता को दृष्टि में रखकर ही आज भी प्रायः सभी भारत के विश्वविद्यालयों की स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं में वेदों का अध्ययनाध्यापन हो रहा है। नवीनवैदिकसञ्चयनम् के इस द्वितीय भाग में स्नातकोत्तर कक्षाओं में पढ़ाये जाने वाले वैदिकमन्त्रों का सङ्कलन किया गया है। इस सङ्कलन में मन्त्र, पदपाठ, ऋग्वेद और अथर्ववेद के मन्त्रों पर सायणभाष्य, अन्वय, पदार्थ, अनुवाद तथा व्याकरणात्मक टिप्पणी दी गयी है जिससे अध्यापक और अध्येक्षा दोनों लाभान्वित हो सकें। विद्यार्थियों के लिए उपयोगी भूमिका में वैदिक साहित्य का सामान्य परिचय तथा सङ्कलित मन्त्र के देवताओं का परिचय दिया गया हैइस संस्करण से वैदिक अध्येताओं का अल्पमात्र भी लाभ हुआ तो किया गया परिश्रम सार्थक हो जाएगा।

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