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Pali : Bhasha Aur Sahitya (पालि : भाषा और साहित्य)

212.00

Author Dr. Ramanand Sharma
Publisher Chaukhambha Krishnadas Academy
Language Hindi
Edition 2004
ISBN 81-70801343
Pages 320
Cover Hard Cover
Size 14 x 2 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code CSP0611
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Description

पालि भाषा और साहित्य (Pali Bhasha Aur Sahitya) संस्कृत को आधुनिक आर्यभाषा हिन्दी से जोड़ने वाली मध्यवर्ती कड़ियाँ हैं: पालि, प्राकृत और अपभ्रंश। इनके विशेष अध्ययन से न केवल भारतीय आर्यभाषा का ऐतिहासिक विकास स्पष्ट होता है, बल्कि हिन्दी भाषा और साहित्य की अनेक गुत्थियाँ भी सुलझती हैं। खेद का विषय है कि पालि, प्राकृत और अपभ्रंश का सम्यक् अनुशीलन आज तक नहीं हो पाया है। हिंदी विषय की स्नातकोत्तर परीक्षा में प्रायः सभी विश्वविद्यालयों में पालि का अध्ययन प्रचलित है, लेकिन यह कार्य छात्रोपयोगी प्रश्नोत्तरी पुस्तिकाओं पर निर्भर है। अतएव ऐसे व्यवस्थित, पूर्ण एवं प्रामाणिक ग्रन्थ की नितान्त आवश्यकता थी जो स्नातकोत्तर छात्रों एवं शोधकत्ताओ की आवश्यकताओं को पूर्ण कर सकें।

प्रसन्नता का विषय है कि साहित्यवारिधि डा० रामानन्द शर्मा, जो संस्कृत ही नहीं, वैदिक संस्कृत, पालि एवं प्राकृत के भी मर्मज्ञ विद्वान् हैं, ने छात्रों एवं शोधकर्ताओं के हितों को ध्यान में रखकर ‘पालि : भाषा एवं साहित्य’ शीर्षक ऐसी पुस्तक प्रस्तुत की है जो पालि व्याकरण एवं साहित्य की ही नहीं, उस सम्पूर्ण बौद्ध धर्म एवं संस्कृति का भी सतर्क विवेचन करती है जिसमें यह साहित्य निर्मित हुआ है। निश्चयतः हिन्दीसेवी अध्येता इसका मुक्तहृदय से स्वागत करेंगे।

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