Paniniya Shiksha (पाणिनीयशिक्षा)
₹85.00
Author | Dr. Dinesh Kumar Dwivedi |
Publisher | Bharatiya Vidhya Sansthan |
Language | Sanskrit & Hindi |
Edition | 2023 |
ISBN | 978-81-969488-9-4 |
Pages | 88 |
Cover | Paper Back |
Size | 14 x 2 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | BVS0404 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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पाणिनीय शिक्षा (Paniniya Shiksha) सम्प्रति पाणिनीय शिक्षा के दो प्रकार के पाठ मिलते हैं एक श्लोकात्मक और दूसरा सूत्रात्मक। श्लोकात्मक पाठ के भी लघु और वृद्ध दो प्रकार के पाठ मिलते हैं। सम्प्रति पाणिनीय वैयाकरणों में पाणिनीय शिक्षा का श्लोकात्मक पाठ ही प्रसिद्ध है। और वैदिक लोग भी वेदांग के अन्तर्गत श्लोकात्मक पाणिनीय शिक्षा का ही पाठ करते हैं।
श्लोकात्मक पाणिनीय शिक्षा के लघु पाठ में कुल ३५ श्लोक तथा वृद्ध पाठ में ६० श्लोक हैं। लघु पाठ याजुष कहलाता है तथा वृद्ध पाठ ऋपाठ कहलाता है। वृद्ध पाठ में कुल ग्यारह खण्ड हैं-‘अथ शिक्षाम्’ (श्लोक १) से प्रथम खण्ड, ‘आत्मा बुद्धया, (श्लोक ६) से द्वितीय खण्ड, ‘उदात्तश्चानुदात्तश्च’ (श्लोक ११) से तृतीयखण्ड, ‘हकारं पञ्चमैर्युक्तम्’ (श्लोक १६) से चतुर्थखण्ड, स्वराणामूष्मणां चैव (श्लोक २१) से पञ्चम खण्ड, यथा सौराष्ट्रिका नारी’ (श्लोक २६) से षष्ठ खण्ड, ‘गीती शीघ्री’ (श्लोक ३२) सप्तम खण्ड, ‘अचोऽस्पृष्टाः’ (श्लोक ३८) से अष्टम खण्ड, ‘उदात्तमाख्याति’ (श्लोक ४३) से नवम खण्ड, चाषस्तु वदते’ (श्लोक ४९) से दशम खण्ड, और ‘शङ्करः शाङ्करीम्’ (श्लोक ५६) से एकादश खण्ड का आरम्भ होता हैं।
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