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Parivartan Evam Vikas ka Samajshastra (परिवर्तन एवं विकास का समाजशास्त्र)

175.00

Author Dr. Dharmaveer
Publisher Rajasthan Hindi Granth Academy
Language Hindi
Edition 3rd edition, 2019
ISBN 978-93-89260-00-7
Pages 376
Cover Paper Back
Size 13 x 2 x 21 (l x w x h)
Weight
Item Code RHGA0033
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Description

परिवर्तन एवं विकास का समाजशास्त्र (Parivartan Evam Vikas ka Samajshastra) आज भारतीय समाज का प्रत्येक पक्ष परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। समाजशास्त्रियों द्वारा इन परिवर्तनों के परिणामों को समझने के प्रयास भी किये गए हैं। प्रस्तुत पुस्तक में सामाजिक परिवर्तन एवं विकास के विभिन्न आयामों को समझाने का प्रयास किया गया है।

एक प्रक्रिया के रूप में विकास को संवृद्धि, परिवर्तन, रूपान्तरण, आधुनिकीकरण आदि विभिन्न रूपों में समझा जाता है। परम्परागत रूप से आर्थिक दृष्टि से परिभाषित विकास की प्रक्रिया को पिछले कुछ दशकों में सामाजिक एवं मानवाभिमुख के रूप में भी देखा जाने लगा है। इसलिए परिवर्तन एवं विकास के सिद्धान्त, भारत में सामाजिक परिवर्तन की विभिन्न प्रक्रियायें, विकास की परिवर्तनशील धारणा, विकास के पथ एवं अभिकरण, विकास में सामाजिक संरचना एवं संस्कृति की भूमिका, विकास का सामाजिक-आर्थिक एवं लैंगिक असमानताओं पर प्रभाव, भारत का विकास अनुभव जैसी पाठ्य सामग्री का अध्ययन समाजशास्त्र में महत्त्वपूर्ण हो गया है। इस दृष्टि से प्रस्तुत पुस्तक बहुत उपयोगी सिद्ध होगी।

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