Paryatan Udbhav Evam Vikas (पर्यटन उद्भव एवं विकास)
₹105.00
Author | Dr. Rajesh Kumar Vyas |
Publisher | Rajasthan Hindi Granth Academy |
Language | Hindi |
Edition | 6th edition, 2019 |
ISBN | 978-93-89260-25-0 |
Pages | 188 |
Cover | Paper Back |
Size | 13 x 0.5 x 21 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | RHGA0159 |
Other | Book Dispatch in 1-3 Days |
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CompareDescription
पर्यटन उद्भव एवं विकास (Paryatan Udbhav Evam Vikas) विदेशी मुद्रा एवं रोजगार प्रदान करने में सक्षम पर्यटन आज विश्व का तेजी से बढ़ने वाला उद्योग है। पर्यटन के निरंतर बढ़ते महत्त्व के संदर्भ में यह जरूरी है कि इस उद्योग को समग्रतः समझते हुए इसके सर्वांगीण विकास पर ध्यान दिया जाए। पर्यटन स्थलों, वहाँ की विशेषताओं पर तो बहुत सी पुस्तकें उपलब्ध है परन्तु पर्यटन उद्योग के सैद्धान्तिक एवं व्यावहारिक पक्ष पर हिन्दी में पुस्तकें न के बराबर हैं। इसे ध्यान में रखते हुए ही प्रस्तुत पुस्तक में पर्यटन के उद्भव एवं विकास, पर्यटन प्रेरणा, आधारभूत सुविधाएं, पर्यटन उद्योग के अवयव तथा विभिन्न स्तरों पर पड़ने वाले इसके प्रभावों को सरस रूप में समझाया गया है।
पर्यटन उद्योग की समस्याएं एवं भविष्य की चुनौतियां, पर्यटन सूचना स्रोत व सांख्यिकी, ट्रेवल एजेन्सियां, पर्यटन संगठन एवं पर्यटन के नये स्वरूप पर भी पुस्तक में प्रकाश डाला गया है। इस पुस्तक में पर्यटन के लगभग सभी पहलुओं व इस उद्योग की विभिन्न क्रियाओं का सांगोपांग विश्लेषण किया है। यही कारण है कि पुस्तक पर्यटन शिक्षा से जुड़े विद्यार्थियों, शोद्यार्थियों एवं पर्यटन नीति निर्माताओं के साथ ही पर्यटन में रुचि रखने वाले तमाम लोगों के लिए उपयोगी है।
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