Phal Deepika (फलदीपिका भावार्थबोधिनी)
₹270.00
Author | Pt. Gopesh Kumar Ojha |
Publisher | Motilal Banarasidas |
Language | Sanskrit & Hindi |
Edition | 2023 |
ISBN | 978-81-208-2147-7 |
Pages | 680 |
Cover | Paper Back |
Size | 14 x 2 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | MLBD0007 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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फलदीपिका भावार्थबोधिनी (Phal Deepika) आज से प्राय: ४०० वर्ष पहले फलित ज्योतिष के इस अनुपम ग्रंथ की रचना श्री मंत्रेश्वर ने दक्षिण भारत में की थी और अब तक यह ग्रंथ वहीं तक सीमित था। हिन्दी भाषा में व्याख्या-सहित देवनागरी में मूल श्लोक प्रथम बार प्रकाशित हुए हैं। बृहत्पाराशर, बृहज्जातक, जातकपारिजात, सर्वार्थचिन्तामणि आदि की भाँति फलित ज्योतिष का यह अनुपम ग्रंथ है। दक्षिण भारत में प्रचलित फलित ज्योतिष के बहुत से नवीन सिद्धान्त इसमें दिए गए हैं, जिनका अध्ययन उत्तर भारत के पंडितों के लिए नवीन होगा, क्योंकि ये सिद्धान्त उत्तर भारत में अब तक संस्कृत ग्रंथों में भी उपलब्ध नहीं थे। श्रीरामानुजकृत फलितज्योतिष ग्रंथ भावार्थरत्नाकर भी हिन्दी में उपलब्ध नहीं है। उसके भी सारभूत फलित ज्योतिष के ४५० योग इस ग्रंथ में दिए गए हैं। ज्योतिष के प्रेमियों के लिए इसमें सर्वथा नवीन पाठ्य सामग्री प्रस्तुत है।
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