Prarambhik Rachnanuvad Kaumudi (प्रारम्भिक रचनानुवादकौमुदी)
₹64.00
Author | Dr. Kapildev Dwivedi |
Publisher | Vishwavidyalay Prakashan |
Language | Sanskrit & Hindi |
Edition | 40th edition, 2024 |
ISBN | 978-81-7124-910-7 |
Pages | 152 |
Cover | Paper Back |
Size | 12 x 1 x 18 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | VVP0001 |
Other | Dispatched In 1 - 3 Days |
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प्रारम्भिक रचनानुवादकौमुदी (Prarambhik Rachnanuvad Kaumudi)
पुस्तक-लेखन का उद्देश्य :- यह पुस्तक संस्कृत के प्रारम्भिक छात्रों की आवश्यकता की पूर्ति के लिए प्रस्तुत की गयी है। किस प्रकार कोई भी विद्यार्थी २ या ३ मास में निर्भीक होकर सरल और शुद्ध संस्कृत लिख तथा बोल सकता है, इसका ही प्रकार उपस्थित किया गया है। ‘संस्कृत भाषा क्लिष्ट भाषा है’, इस लोकापवाद का खंडन करना मुख्य उद्देश्य है। संस्कृत के प्रारम्भिक छात्रों के लिए जितने व्याकरण का ज्ञान अत्यावश्यक है, उतना ही अंश इसमें दिया गया है। अनावश्यक सभी विवरण छोड़ दिया गया है। समस्त व्याकरण अनुवाद के द्वारा सिखाया गया है। रटने की क्रिया को न्यूनतम किया गया है।
पुस्तक की शैली :- पुस्तक कुछ नवीनतम विशेषताओं के साथ प्रस्तुत की गयी है। हिन्दी, संस्कृत तथा इंग्लिश् में अभी तक इस पद्धति से लिखी गयी अन्य कोई पुस्तक नहीं है। जर्मन और फ्रेंच भाषा में इस पद्धति पर लिखी गयी कुछ पुस्तकें हैं, जिनके द्वारा सरल रूप में जर्मन आदि भाषाएँ सीखी जा सकती हैं। इंग्लिश् तथा रूसी भाषा में भी वैज्ञानिक पद्धति से नवीन भाषा सिखाने के लिए अनेक पुस्तकें हैं। इन भाषाओं में भाषा-शिक्षण की जो नवीनतम वैज्ञानिक पद्धति अपनायी गयी है, उसको ही इस पुस्तक में भी आधार माना गया है।
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