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Raja Yoga (राजयोग)
₹64.00
Author | Swami Vivekanand |
Publisher | Manoj Publication |
Language | Hindi |
Edition | 2022 |
ISBN | 978-81-310-1620-6 |
Pages | 127 |
Cover | Paper Back |
Size | 12 x 2 x 18 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | MP0047 |
Other | Dispatched in 3 days |
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राजयोग (Raja Yoga) योग का उद्देश्य है-अंतःकरण को पवित्र करना। इसकी पहचान है, मन की एकाग्रता और इंद्रियों का संयम। इसके बिना बुद्धि सूक्ष्मतत्व को पकड़ पाने में सक्षम नहीं होती। राजयोग साधक को इसी क्षमता के योग्य बनाता है। यह ‘अति’ की साधना नहीं है, यह बीच का मार्ग है। इसे योगीराज श्रीकृष्ण ने ‘युक्त योग’ भी कहा है। इसमें न संसार को पकड़ना है, न छोड़ना है। इस प्रकार जगत के सत्य को जान-समझ लेना ही पाशमुक्ति की अनुभूति है। राजयोग में कर्म, भाव और ज्ञान का अलौकिक समन्वय होता है। इसीलिए यह सरल है, सहज है और स्वाभाविक भी। इसकी साधना कोई भी कर सकता है-स्त्री हो या पुरुष, किसी भी जाति या फिर किसी भी देश का।
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