Sahitik Braj Bhasha Kosh Set Of 3 Vols. (साहित्यिक ब्रजभाषा कोश 3 भागो में)
₹630.00
Author | Late. Chaturvedi Dwarka Prasad Sharma |
Publisher | Uttar Pradesh Hindi Sansthan |
Language | Hindi |
Edition | 978-93-82175-80-3 |
ISBN | - |
Pages | 1098 |
Cover | Paper Back |
Size | 19 x 8 x 24 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | UPHS0040 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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साहित्यिक ब्रजभाषा कोश 3 भागो में (Sahitik Braj Bhasha Kosh Set Of 3 Vols.) साहित्यिक ब्रजभाषा कोश के इतिहास के बारे में आदरणीय पं० श्रीनारायण चतुर्वेदी ने बहुत कुछ सम्पादकीय में लिख दिया है और इसके प्रकाशन की प्रक्रिया के सन्दर्भ में भी हिन्दी संस्थान के उपाध्यक्ष आदरणीय सुमनजी और हिन्दी संस्थान के निदेशक हरि माधव शरणजी ने अपने वक्तव्यों में बहुत कुछ बतला दिया है। इस भूमिका में हम मुख्य रूप से तीन बातों पर कुछ अधिक ब्यौरे में बात करना चाहते हैं। सबसे पहले कोश की प्रक्रिया का परिचय दिया जायेगा, कोश-विज्ञान के जिन सिद्धान्तों का उपयोग हुआ है, उनका संक्षिप्त परिचय दिया जायेगा ।
भूमिका के दूसरे खण्ड में साहित्यिक ब्रज भाषा के व्याकरण का एक संक्षिप्त ढाँचा प्रस्तुत किया जायेगा, जिसकी जानकारी इसलिए आवश्यक प्रतीत हुई कि कोश में विभक्ति-रूप नहीं दिये जाते, विभक्ति संवलित पद-रूपों की पहचान आधुनिक हिन्दी के अभ्यस्त व्यक्ति के लिए कुछ कठिन पड़ सकती है। तीसरे खण्ड में साहित्यिक ब्रजभाषा के स्वरूप में विकास का एक सक्षिप्त परिचय दिया जायेगा जिससे साहित्यिक ब्रजभाषा के अर्थ संसार की एक तस्वीर कोश में प्रयोक्ता के मन में बनी रहे और वह यह समझ सके कि यद्यपि यह साहित्यिक ब्रजभाषा का कोश है, यह हिन्दी का ही अंग है इसके बिना न हिन्दी की कोई अवधारणा हो सकती है, न हिन्दी की समग्रता से अलग किसी क्षेत्रीय इकाई के रूप में साहित्यिक ब्रजभाषा की कल्पना की अवधारणा की जा सकती है।
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