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Sankhyayog me Vachaspati Mishra evam Vigyan Bhikshu (सांख्ययोग में वाचस्पति मिश्रा एवं विज्ञानं भिक्षु)
₹400.00
Author | Dr. Priti Srivastava |
Publisher | Bharatiya Vidya Sansthan |
Language | Hindi |
Edition | 1st edition, 2008 |
ISBN | 81-87415-81-9 |
Pages | 270 |
Cover | Hard Cover |
Size | 14 x 3 x 21 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | BVS0082 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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सांख्ययोग में वाचस्पति मिश्रा एवं विज्ञानं भिक्षु (Sankhyayog me Vachaspati Mishra evam Vigyan Bhikshu) मानव जीवन एवं भारतीय दर्शनों का चरम लक्ष्य एक ही है-परम तत्व की प्राप्ति। अतः भारतीय दर्शनों में साख्य-योग का अत्यन्त विशिष्ट स्थान है। ये परस्पर अभिन्न दर्शन हैं और इनका सम्बन्ध उदरपृष्टवत् है। इनमें सिद्धान्त एवं क्रिया का अद्भुत समन्वय है। भारतीय दार्शनिक परम्परा के सरीखे पण्डित आचार्य वाचस्पति मिश्र एवं महान योगी विज्ञानभिक्षु सांख्य-योग के व्याख्याकार के रूप में विश्व-विख्यात हैं। इन आचार्यों द्वारा विरचित व्याख्याएँ एवं टीकाएँ सांख्य-योग के गूढ़रहस्यों को उदघाटित करने में नितान्त कृतकार्य एवं अद्वितीय हैं। वस्तुतः सांख्य-योग के मौलिक सिद्धान्तों के प्रचार एवं प्रसार का श्रेय इन्हीं आचार्य द्वय को है।
प्रस्तुत ग्रन्थ में आचार्य द्वय के सांख्य योगीय सिद्धान्तों को तुलनात्मक दृष्टि से प्रस्तुत किया गया है। विभिन्न विषयों पर आधारित षड् अध्ययनों में विभक्त इस ग्रन्थ में सांख्य-योग षड् अध्यायों में विभक्त इस ग्रन्थ में सांख्य-योग के गूढ़दार्शनिक तत्त्वों का अति सरल, क्रम बद्ध एवं सुमंगठित रूप में विवेचित किया गया है, जो कि जिज्ञासुओं के लिए अत्यन्त महत्त्वपूर्ण एवं उपादेय है।
इस ग्रन्थ के प्रथम अध्याय में सांख्य योग का संक्षिप्त ऐतिहासिक परिचय, द्वितीय में आचार्य द्वय का व्यक्तित्व एवं कृतित्व, तृतीय में ज्ञानमीमांसा की दृष्टि से त्रिविध प्रमाण, सत्कार्यवाद एवं परिणामवाद चतुर्थ में तत्त्वमीमांसा के अन्तर्गत पुरुष एवं प्रकृति का वर्णन किया गया है। पञ्चम अध्याय में सृष्टि-प्रक्रिया के रूप में महत् अहंकारादि विभिन्न तत्त्वों एवं ईश्वर का और षष्ठ में बन्ध तथा मोक्ष के अन्तर्गत पञ्चक्लेश, चित्तभूमि, चित्तवृत्ति, अभ्यास-वैराग्य, क्रियायोग, दुःख, अष्टाङ्गयोग, सम्प्रज्ञात और असम्प्रज्ञात योग का वर्णन करते हुए अन्त में कैवल्य का निरूपण किया गया है।
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