Sanskrit Prabha (संस्कृत प्रभा)
₹110.00
Author | Dr. Kapil Dev Dwivedi |
Publisher | Uttar Pradesh Sanskrit Sansthan |
Language | Sanskrit & Hindi |
Edition | 2nd edition, 2011 |
ISBN | - |
Pages | 246 |
Cover | Hard Cover |
Size | 17 x 1.5 x 12 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | UPSS0020 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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संस्कृत प्रभा (Sanskrit Prabha) उत्तरप्रदेश संस्कृत अकादमी के विशेष अनुरोध पर यह पुस्तक लिखी गई है। यह पुस्तक प्रारम्भिक संस्कृत छात्रों की आवश्यकता की पूर्ति को ध्यान में रखकर प्रस्तुत की गई है। पुस्तक-लेखन का उद्देश्य है-(१) कोमल-बुद्धि संस्कृतप्रेमी छात्रों को संस्कृत भाषा का ज्ञान कराना। (२) व्याकरण के झंझट में न डालकर सरल रीति से संस्कृत सिखाना । (३) संस्कृतप्रेमी व्यक्ति २ या ४ मास परिश्रम करके शुद्ध संस्कृत बोलना सीख जाय। (४) दैनिक जीवन के उध्योगी वाक्यों को सरलता से बोल सके। (५) गीता, रामायण, महाभारत आदि ग्रन्थों में उसका प्रवेश हो सके । (६) संस्कृत को सरल और उपयोगी भाषा मानकर उसके अध्ययन में प्रवृत्त हो ।
इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए पुस्तक में कुछ विशेष प्रक्रिया अपनाई गई है। सारी पुस्तक को ६० अभ्यासों में बाँटा गया है। प्रत्येक पाठ में एक या दो नियम दिए गए हैं और उनका पूरा अभ्यास कराया गया है। प्रत्येक अभ्यास के प्रारम्भ में शब्दावली दी गई है। प्रयत्न किया गया है कि उन शब्दों का ही अनेक बार प्रयोग किया जाय। किसी अन्य प्रथ या कोशग्रन्थ की सहायता न लेनी पड़े । शब्दकोश में भी विभिन्न वर्ग. दिए गए हैं। विद्यालय, लेखन-सामग्री फल, फूल वृक्ष, यातायात, मिठाई, नमकीन, सङ्गीत, व्यापार, वाणिज्य शिल्प, शिल्पी श्रादि से सम्बद्ध प्रचलित शब्दों का सङ्क्षिप्त सङ्ग्रह दिया गया है, जिससे प्रत्येक क्षेत्र से सम्बद्ध महत्त्वपूर्ण शब्दों की जानकारी रहे।
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