Sanskrit Sahitya Ka Itihas (संस्कृत साहित्य का इतिहास)
₹112.00
Author | Dr. Shashi Tiwari |
Publisher | The Bharatiya Vidya Prakashan |
Language | Hindi |
Edition | 1st edition, 2020 |
ISBN | 978-93-88415-20-0 |
Pages | 218 |
Cover | Paper Back |
Size | 14 x 2 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | TBVP0004 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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संस्कृत साहित्य का इतिहास (Sanskrit Sahitya Ka Itihas) प्रस्तुत पुस्तक ‘संस्कृत साहित्य का इतिहास’ से व्यापक अर्थ में संस्कृत भाषा में विरचित ज्ञान-विज्ञान, दर्शन, काव्य आदि से सम्बद्ध सम्पूर्ण वाङ्मय का तात्पर्य लिया गया है। विशाल और विस्तृत संस्कृत-साहित्य का परिचय प्रापत करने के लिए उसका विभाजन आवश्यक है। यहाँ सम्पूर्ण वाङ्मय को विधा और विषय के आधार पर दस अध्यायों में विभाजित करने का प्रयास किया गया है।
काव्य-विधा की प्रमुख विशेषताओं, ग्रन्थों के स्वरूप और ग्रन्थकारों की मूलप्रवृत्तियों की सारगर्भित प्रस्तुति पर विशेष ध्यान रखा गया है। वृत्तान्तों में तिथिक्रम को अधिक महत्त्व न देने के कारण भारतीयों में ऐतिहासिक भावना का सिद्धान्त रूप में अभाव माना जाता है। इसलिए कालक्रमानुसार साहित्यिक कृतियों का परिचय अधिकांश में आनुमानिक होता है. जो मुख्यरूप से कतिपय अन्तःसाक्ष्यों और बहिः साक्ष्यों पर टिका रहता है। अतएव कवियों और कृतियों के साथ कालनिर्धारण के सम्बन्ध में यहाँ विद्वानों द्वारा साधारण रूप से मान्य समय का ही निर्देश किया गया है।
कालविषयक विवादों के परिहार के समान ही किसी प्रकार के भी समालोचनात्मक विस्तार की यहाँ उपेक्षा की गई है। स्पष्ट है कि संस्कृत साहित्य के बृहत् धरातल का संक्षिप्त किन्तु सम्पूर्णतया अवलोकन करना ही इस कृति का लक्ष्य है। यह संस्कृत में प्रणीत समग्र गौरवमय साहित्यिक परम्परा का एक परिचयमात्र है। यह पुस्तक छात्रों एवं शोध-छात्रों के लिए अत्यन्त ही उपयोगी है।
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