Sanskrit Vangmay Ka Brihad Itihas Khand 7 (संस्कृत वाङ्गमय का बृहद इतिहास भाग-सात आधुनिक संस्कृत साहित्य का इतिहास खण्ड)
₹500.00
Author | Acharya Baldev Upadhyaya |
Publisher | Uttar Pradesh Sanskrit Sansthan |
Language | Hindi & Sanskrit |
Edition | 2nd edition, 2017 |
ISBN | - |
Pages | 856 |
Cover | Hard Cover |
Size | 23 x 3 x 15 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | UPSS0007 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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संस्कृत वाङ्गमय का बृहद इतिहास भाग-सात आधुनिक संस्कृत साहित्य का इतिहास खण्ड (Sanskrit Vangmay Ka Brihad Itihas Khand 7) संस्कृत वाङ्मय का बृहद् इतिहास” का सप्तम खण्ड “आधुनिक संस्कृत साहित्य का इतिहास” के द्वितीय संस्करण का प्रकाशन हो रहा है, सन्तोष का विषय है। “संस्कृत साहित्य का इतिहास” ग्रन्थ में आधुनिक काल के साहित्य का अध्याय नहीं जुड़ सका था। उस समय सम्भवतः इसकी आवश्यकता प्रतीत नहीं हुई हो, क्योंकि तब इसके प्रति ऐसा कुछ नहीं लग रहा था कि यह अध्याय इतिहास के लिए अनिवार्य है। परन्तु इस ग्रन्थ से द्वितीय संस्करण में आधुनिक काल से साहित्य का अध्याय जोड़ा गया है।
भारतीय संस्कृति मानव जीवन को ही अनुष्ठानपरक बनाने की प्रेरणा प्रदान करती है। यही कारण ही भारतीय संस्कृति की अजस्रधारा को प्रवाहित करने वाली भाषा देववाणी संस्कृत के माध्यम से ही भारतीय जीवन-दर्शन में समस्त संस्कार सम्पादित किये जाते हैं। उ.प्र. संस्कृत संस्थान, संस्कृत भाषा, भारतीय संस्कृति और संस्कार को जन-जन से परिचित कराने के लिए कृत संकल्पित संस्थान है।
प्रस्तुत खण्ड जिस अर्थ में एक साहित्य के इतिहास से अपेक्षा की जा सकती है उसकी बहुत कुछ पूर्ति में समर्थ होगा ऐसा मुझे विश्वास है। इसके अध्याय के सभी लेखक साहित्य के आधुनिक युग में विकास ग्रहण करते काव्यरूपों तथा शैलियों से सुपरिचित ही नहीं, स्वयं निर्माण में दक्ष भी हैं। आधुनिक युग के काव्यचिन्तन को भी आत्मसात् करते हुए अपनी गुणग्राहिणी दृष्टि का भी परिचय दिया है। इस कारण भी यह खण्ड उपयोगी बन पड़ा है।
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