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Sarva Darshan Sangraha (सर्वदर्शनसंग्रह:)
₹480.00
Author | Dr. Madhav Janadarn Ratate |
Publisher | The Bharatiya Vidya Prakashan |
Language | Sanskrit & Hindi |
Edition | 2nd edition 2020 |
ISBN | 978-81-217-0258-4 |
Pages | 606 |
Cover | Paper Back |
Size | 14 x 3 x 21 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | TBVP0034 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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सर्वदर्शनसंग्रह: (Sarva Darshan Sangraha) मीमांसादर्शन की सभी धाराओं का सैद्धान्तिक तथा प्रामाणिक विवेचन प्रस्तुत करने वाला एक मात्र ग्रन्थ है। चार्वाक दर्शन, बौद्ध दर्शन, अर्हत या जैन दर्शन, रामानुजदर्शन, पूर्णप्रज्ञ दर्शन, नकुलीश-पाशुपत दर्शन, शैव दर्शन, प्रत्यभिज्ञा दर्शन, रसेश्वर दर्शन, वैशेषिक या औलूक्य दर्शन, अक्षपाद दर्शन या नैयायिकदर्शन, जैमिनीय दर्शन, पाणिनीय दर्शन, सांख्य दर्शन, पातञ्जल या योगदर्शन, वेदान्त दर्शन या शाङ्कर दर्शन इन 16 दर्शनधाराओं का साङ्गोपाङ्ग विवेचन तथा सभी दर्शनों के परस्पर मतभेद का तात्त्विक सामञ्जस्य इस ग्रन्थ में उपस्थित हुआ है।
इसकी हिन्दी व्याख्या में सरल भाषा में समस्त विषयों का समुचित विवेचन प्रस्तुत करने के साथ ही साथ विशेष प्रकाशनीय बिन्दुओं पर विस्तृत व्याख्या भी की गयी है। यह ग्रन्थ छात्रों, अनुसंधाताओं एवं विद्वानों के लिये अत्यन्त ही उपयोगी है।
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