Shakun Vichar (शकुन विचार)
₹200.00
Author | Dr. Sharda Pathak |
Publisher | Bharatiya Vidya Sansthan |
Language | Sanskrit & Hindi |
Edition | 1st edition, 2014 |
ISBN | 978-93-81189-38-2 |
Pages | 166 |
Cover | Paper Back |
Size | 14 x 2 x 21 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | BVS0004 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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शकुन विचार (Shakun Vichar) शकुन-विचार में वनस्पतियों का विशेष महत्त्व है, अतः कुछ प्रमुख वनस्पतियों के शकुनों का फल भी दिया गया है। भवन-निर्माण तथा गृहप्रवेश के समय घटित शकुनों के शुभाशुभ फलो का भी उल्लेख किया गया है। कुछ अन्य बहु-प्रचलित शकुनों को पुस्तक में समाहित किया गया है। शकुन और अपशकुन किन परिस्थितियों में निष्फल होते हैं, उसका वर्णन किया गया है। अंत में अशुभ शकुन (अपशकुन) के निवारण हेतु कुछ उपायों का विवरण दिया गया है।
पुस्तक के द्वितीय खण्ड में अंधविश्वास का विचार किया गया है। तर्क-रहित ज्ञान को विश्वास कहते हैं, जबकि अंधविश्वास अज्ञानता, भ्रमात्मक विश्वास, जादू, टोना आदि में विश्वास करना है। कहा जाता है कि अंधविश्वास अलौकिक शक्तियों के कारण और परिणाम में विश्वास करता है। स्वामी विवेकानन्द जी ने अन्धविश्वास को मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु कहा था। फ्रांस के प्रसिद्ध चिन्तक ‘वोल्टयर’ (Voltaire) कहते हैं कि अंधविश्वास विश्व में आग लगाता है, जवकि दर्शन उसका शमन करता है। अधिकांश अंधविश्वास पशु- पक्षी तथा अन्य जीव-जन्तुओं से संबन्धित है। लोगों का उनमें अटूट विश्वास है। जानवरों में कुत्ता, काली बिल्ली, गाय, पक्षियों में कौआ, उल्लू तथा छोटे प्राणियों में छिपकली आदि की प्रधानता रही है।
अन्य प्रचलित अंधविश्वासों में हिचकी, छोक, शव (अर्थी) दिखाई पड़ना, दृष्टि-दोष, किन्नर, हाथ की खुजली, दुल्हन के वस्त्र का रंग, घर से बाहर कदम रखना, वाहन-संख्या, नमक गिरना, दूध उबलना, शयन की दिशा, वेश्या का सम्मुख पड़ना आदि प्रमुख है। किसी घटना के घटित होने से पूर्व जो संकेत मिलता है, उसे शकुन कहते हैं और भ्रमात्मक अथवा मिथ्या विश्वास ही अंधविश्वास है। अतः शकुन रहस्य के साथ-साथ अंधविश्वास का प्रसंग भी पुस्तक में द्वितीय खण्ड के रूप में सम्मिलित किया गया है। हालांकि शकुन और अंधविश्वास का यहाँ सम्पूर्ण संग्रह नहीं है। विश्व के प्रायः सभी देशों में शकुन तथा अंधविश्वास किसी न किसी रूप में आज भी प्रचलित एवं मान्य है, किन्तु आज वैज्ञानिक युग में शकुन और अंधविश्वास के रहस्य अवश्य शोध के महत्त्वपूर्ण विषय है। इस पुस्तक के माध्यम से दो महत्त्वपूर्ण विषयों पर विभिन्न विद्वानों के विचारों को संग्रह करने का प्रयास किया गया है। अगर पुस्तक से जिज्ञासुओं को कुछ सहायता मिलती है तो अवश्य ही मेरा परिश्रम सार्थक होगा। त्रुटियों के लिए विद्वज्जन मुझे अवश्य क्षमा करेंगे।
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