Shat Karma Vidhan (षट्कर्म विधान)
₹340.00
Author | Yogeswaranand |
Publisher | Astha Prakashan Mandir |
Language | Hindi & Sanskrit |
Edition | 1st edition, 2016 |
ISBN | 978-93-82171-66-9 |
Pages | 418 |
Cover | Hard Cover |
Size | 14 x 2 x 22 (L x W x H) |
Weight | |
Item Code | APM0006 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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षट्कर्म विधान (Shat Karma Vidhan) प्रस्तुत ग्रन्थ में षट्कर्म-साधन हेतु प्रत्येक कर्म के लिए अलग-अलग खंड करते हुए मन्त्र विधान सहित दिये गये हैं। उनमें अत्यंत तीव्र एवं त्वरित फलदायक मन्त्र भी हैं और सौम्य मन्त्र भी हैं। जो तीव्र मन्त्र हैं, उनका प्रयोग एवं अनुष्ठान किसी विद्वान आचार्य के संरक्षण में ही किया जाना चाहिए अथवा किसी विद्वान व्यक्ति से ही अनुष्ठान कराना चाहिए। जो सौम्य मन्त्र हैं, उनका अनुष्ठान साधक स्वयं भी कर सकते हैं, परंतु तो भी आधारभूत ज्ञान उन्हें किसी प्रशिक्षित व्यक्ति से प्राप्त कर लेना चाहिए, ताकि अनुष्ठान-काल में कोई विघ्न उत्पन्न न हो। मन्त्र, गुरु एवं ईष्ट के प्रति पूर्ण श्रद्धा बनाये रखें, क्योंकि श्रद्धा और विश्वास ही मन्त्र-सिद्धि का मूल-मन्त्र है। निश्चय ही इन दोनों का मिश्रण सुफल प्रदान करता है। वैदिक एवं तान्त्रिक मन्त्रों के साथ-साथ मैंने इस ग्रन्थ में कुछ विशिष्ट शाबर मन्त्रों का भी उल्लेख किया है, जो पूर्णतः सिद्ध और त्वरित फलदायी हैं। जो भी साधक इन शाबर मन्त्रों को प्रयोग में लायें वे पहले उन्हें निर्देशानुसार सिद्ध करें और विधानों का शब्द-ब-शब्द पालन करें।
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