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Shri Guru Parampara (श्रीगुरुपरम्परा)

130.00

Author Dr. Prabhakar Sdashiv Pandit
Publisher Sharda Sanskrit Sansthan
Language Hindi
Edition 2002
ISBN -
Pages 163
Cover Hard Cover
Size 14 x 1 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code SSS0098
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Description

श्रीगुरुपरम्परा (Shri Guru Parampara) इस महत्वपूर्ण ग्रंथ में हमें जिनका परिचय प्राप्त होता है, वे आचार्यं हैं लेखक के गुरु देव आचार्य अम्बूजेशानन्दनाथ तथा बटुकनाथशास्त्री खिस्ते, परम गुरु आचार्य अम्बानन्दनाथ (पू. गोडबोले), परमेष्ठि गुरु आचार्य भूमानन्दनाथ तथा युग प्रवर्तक परमाचार्य भासुरानन्दनाथ जिनका कर्तृत्व आद्य शंकराचार्य के समान दीप्तिमान है। विशेष हर्ष की बात यह है कि इन आचायों के साथ ग्रंथकार ने महाराष्ट्र के सन्त श्रेष्ठ योगीराज श्रीज्ञानेश्वर महाराज के चरित्र और अनूपम ग्रंथों का भी परिचयात्मक विवरण दिया है। मेरा विश्वास है कि यह परिचय खास कर के हिन्दी भाषियो के लिए अत्यन्त उपादेय सिद्ध होगा। उसी तरह मुझ जैसे महाराष्ट्रीय लोग ‘श्रीभास्करराय की परम्परा का सम्यक् ज्ञान प्रस्तुत ग्रंथ के द्वारा पाकर अपने को भाग्यवान् महसूस’ करेंगे।

श्रीगुरुपरम्परा’ ग्रंथ की विशेषताएँ- 

(१) महागुरु आदि शंकराचार्य द्वारा प्रेरित

(२) पू. श्रेष्ठ सन्त दार्शनिक ज्ञानेश्वरजी द्वारा प्रतिपादित

(३) प्रति शंकराचार्य पू. भास्करराय दीक्षित द्वारा पुनर्स्थापित

(४) श्रीशुकानन्दनाथ परम्परा (नांदेड, मराठ वाडा) महाराष्ट्र द्वारा परिवर्धित

(५) महामहोपाध्याय श्रीनारायणशास्त्री खिस्ते एवं महामहोपाध्याय श्रीबटु कनाथ शास्त्री खिस्ते द्वारा प्रसारित

(६) आज भी मुमुक्षुओं को प्रेरित करने और प्रबोधन करने में सक्षम ‘श्रीगुरु परम्परा’ ग्रंथ का परिचय अवश्य प्राप्त कीजिए।

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