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Sanatan Satya Part-4 (सनातन सत्य भाग-4)

170.00

Author Osho
Publisher Daimond Pocket Books
Language Sanskrit & Hindi
Edition 2022
ISBN 81-89605-7102
Pages 320
Cover Paper Back
Size 14 x 2 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code DPB0047
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Description

सनातन सत्य भाग-4 (Sanatan Satya Part-4) सत्य न तो नया है, न पुराना। जो नया है, वह पुराना हो जाता है। जो पुराना है, वह कभी नया था। जो नये से पुराना होता है, वह जन्म से मृत्यु की ओर जाता है। सत्य का न कोई जन्म है, न कोई मृत्यु है। इसलिए सत्य न नया हो सकता है, न पुराना हो सकता है। सत्य सनातन है।

सनातन का अर्थ, सत्य समय के बाहर है, बियांड टाइम है। वस्तुतः समय के भीतर जो भी है, वह नया भी होगा और पुराना भी होगा। समय के भीतर जो है, वह पैदा भी होगा और मरेगा भी; जवान भी होगा और बूढ़ा भी होगा। कभी स्वस्थ भी होगा और कभी अस्वस्थ भी होगा। समय के भीतर जो है, वह परिवर्तनमय होगा; समय के बाहर जो है, वही अपरिवर्तित हो सकता है।

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