The Vastu Vidya (वास्तुविद्या)
₹263.00
Author | Prof. Kaushalendra Pandey |
Publisher | The Bharatiya Vidya Prakashan |
Language | Sanskrit & Hindi |
Edition | 2023 |
ISBN | 978-93-91512-08-8 |
Pages | 63 |
Cover | Hard Cover |
Size | 14 x 2 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | TBVP0227 |
Other | Dispatched in 3 days |
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वास्तुविद्या (The Vastu Vidya) “वास्तुविद्या” ग्रन्थ का प्रथम प्रकाशन सन् १९१३ ई. में तिरुअनन्तपुरुम् से अनन्तशयनग्रन्थावली (सीरीज) में महामहोपाध्याय टी. गणपति शास्त्री जी के द्वारा सम्पादित करके किया गया था। इस ग्रन्थ की कतिपय प्रतिलिपियाँ पाण्डुलिपि रूप में विभिन्न ग्रंथालयों तथा व्यक्तिगत पुस्तकालयों तक ही सीमित थीं। विषयसंग्रह की दृष्टि से यह ग्रन्थ वास्तुशास्त्र के अन्य ग्रन्थों के ही समान वास्तुशास्त्रीय परम्परा का अनुगमन करता है किन्तु अधिक विस्तार न करते हुए यह भवनादि के निर्माण में अपेक्षित वास्तुशास्त्रीय सिद्धान्तों के निरूपण से अपनी सार्वकालीन उपयोगिता सिद्ध करता है। इस ग्रन्थ के रचनाकार और रचनाकाल दोनों ही अज्ञात हैं लेकिन अनुमान के आधार पर इसकी रचना दक्षिण भारत में सम्भवतः केरल के आस-पास कही हुई होगी ऐसा प्रतीत होता है। ग्रन्थकर्ता पर इनके पूर्व के ग्रन्थों का प्रभाव है। सिद्धान्तों का सरल-सहज प्रतिपादन इस ग्रन्थ की विशेषता कही जा सकती है। संक्षेपतः वास्तुविद्या आज के सन्दर्भ में अत्यन्त उपयोगी और व्यावहारिक ग्रन्थ है।
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