Tibbat Ka Rahasyamayi Yog Va Alokik Gyanganj (तिब्बत का रहस्यमयी योग व अलौकिक ज्ञानगंज)
₹255.00
Author | Shrimat Shankar Swami |
Publisher | Vishwavidyalay Prakashan |
Language | Hindi |
Edition | 2019 |
ISBN | 978-93-87643-09-3 |
Pages | 112 |
Cover | Hard Cover |
Size | 14 x 2 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | VVP0147 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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तिब्बत का रहस्यमयी योग व अलौकिक ज्ञानगंज (Tibbat Ka Rahasyamayi Yog Va Alokik Gyanganj) यह ग्रन्थ स्वनामधन्य शंकर स्वामी की तिब्बत यात्रा का एक आभास मात्र कहा जा सकता है। उनकी यह यात्रा ऐसी अलौकिक तथा रहस्यमयी रही है, जिस पर सामान्य बुद्धि हठात् विश्वास नहीं कर सकती, तथापि जो तत्त्ववेत्ता है तथा रहस्यमयी घटनाओं से दो चार हो चुके हैं, उनकी विमल प्रज्ञा में ऐसी घटनाये प्रकृति की ही एक लीला के रूप में मान्य एवं विश्वस्त रूप से प्रकट होती रहती हैं। उनको इस सम्बन्ध में कोई आश्चर्य तथा संशय का तनिक भी आभास नहीं होता। युग- युगान्तर से यह सब होता चला आया है, आगे भी होता रहेगा। प्रकृति की अनन्त क्रीड़ा में प्रतिक्षण ऐरो विस्मय तथा आश्चर्य का उन्मेष होता रहता है। इनको संशयात्मक दृष्टिकोण से न देख कर अनुसंधान तथा विज्ञान के अन्वेषक के रूप में देखना उचित होगा।
प्रस्तुत पुस्तक में तिब्बत के रहस्यमय मठ ज्ञानगंज का वर्णन है। इस सम्बन्ध में किंचित् प्रकाश प्रक्षेपण मैंने अपने ग्रन्थ “रहस्यमय सिद्धभूमि तथा सूर्यविज्ञान” में किया था, तथापि वह सुनी-सुनाई तथा यत्र- तत्र से संकलित बातों पर आधारित था। यह पुस्तक पूर्णतः “आंखिन की देखी” पर आधारित यथार्थपरक है। इस ज्ञानगंज के सम्बन्ध में पूज्य गुरुदेव महामहोपाध्याय डॉ० गोपीनाथ जी कविराज से मैंने सुना था।
पूज्य स्वामी जी द्वारा वर्णित ज्ञानगंज कोई कपोल कल्पना नहीं है। वह यथार्थ तथा प्रामाणिक स्थल है, जिसका प्रत्यक्ष दर्शन करके पूज्य स्वामीजी ने इस पुस्तक के रूप में वहाँ का घटनाक्रम जनसाधारण हेतु प्रस्तुत किया है। यह श्लाघनीय प्रयत्न स्तुत्य भी है।
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