Bharatiya Kavya Shastra Ki Acharya Parmpara (भारतीय काव्य शास्त्र की आचार्य परमपरा)
₹136.00
Author | Dr. Radha Vallabha Tripathi |
Publisher | Vishwavidyalay Prakashan |
Language | Hindi |
Edition | 2nd edition, 2024 |
ISBN | 978-93-87643-78-9 |
Pages | 160 |
Cover | Paper Back |
Size | 14 x 2 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | VVP0139 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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भारतीय काव्य शास्त्र की आचार्य परमपरा (Bharatiya Kavya Shastra Ki Acharya Parmpara) प्रस्तुत पुस्तक भारतीय काव्यशास्त्र के प्रस्थानप्रवर्तक आचार्यों पर केन्द्रित है। इसमें ऐतरेय महीदास से लेकर पण्डितराज जगन्नाथ तक ग्यारह आचार्यों के काव्य और कला से सम्बन्धित विचारों का गहरा विमर्श प्रस्तुत करते हुए इनके बीच पारस्परिक अन्तः संवाद, आदान-प्रदान तथा इनके माध्यम से हमारे कलाचिन्तन में उठने वाले शास्त्रार्थ या बहस के अनेक बिन्दुओं पर विद्वान् लेखक ने विचार किया है। श्री त्रिपाठी ने यहाँ भारतीय काव्यचिन्तन की तीन हजार वर्षों की सम्पन्न परम्परा को विशद रूप में उजागर किया है।
प्रत्येक आचार्य की सांस्कृतिक व दार्शनिक पृष्ठभूमि पर विचार करते हुए उन्होंने उसके समकालीन या पूर्ववर्ती आचार्यों के मन्तव्यों को भी तुलनात्मक आलोक में प्रस्तुत किया है। ये ग्यारह आचार्य परम्परा को उसकी समग्रता में समझने के लिये आधार भी बनाते हैं। स्वभावतः इनकी सांस्कृतिक व दार्शनिक पृष्ठभूमि पर भी यहाँ विचार किया गया है, और इनके समकालीन या पूर्ववर्ती आचार्यों का भी यथाप्रसंग निरूपण किया गया है। काव्यशास्त्र में रुचि रखने वाले सुधी पाठकों के लिये यह ग्रन्थ अत्यन्त उपादेय है।
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