Swapna Vasvadatta Darpan (स्वप्नवासवदत्तदर्पणः प्रशनोत्तरी)
₹25.00
Author | Dr. Jamnua Pathak |
Publisher | Chaukhambha Krishnadas Academy |
Language | Sanskrit & Hindi |
Edition | 1987 |
ISBN | - |
Pages | 94 |
Cover | Paper Back |
Size | 14 x 4 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | CSSO0717 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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स्वप्नवासवदत्तदर्पणः प्रशनोत्तरी (Swapna Vasvadatta Darpan) स्वप्नवासवदत्तम् (वासवदत्ता का स्वप्न), महाकवि भास का प्रसिद्ध संस्कृत नाटक है। इसमें 6 अंक हैं। भास के नाटकों में यह सबसे उत्कृष्ट है। क्षेमेन्द्र के बृहत्कथामंजरी तथा सोमदेव के कथा सरित्सागर पर आधारित यह नाटक समग्र संस्कृतवाङ्मय के दृश्यकाव्यों में आदर्श कृति माना जाता है।
भास विरचित रूपकों में यह सर्वश्रेष्ठ है। वस्तुतः यह भास की नाट्यकला का चूडान्त निदर्शन है। यह छः अंकों का नाटक है। इसमें प्रतिज्ञायौगन्धरायण से आगे की कथा का वर्णन है। इस नाटक का नामकरण राजा उदयन के द्वारा स्वप्न में वासवदत्ता के दर्शन पर आधारित है। स्वप्न वाला दृश्य संस्कृत नाट्य साहित्य में अपना विषेष स्थान रखता है।
यह नाटक नाट्यकला की सर्वोत्तम परिणिति है। वस्तु, नायक एवं रस – तीनों ही दृष्टि से यह उत्तम कोटि का है। नाटकीय संविधान, कथोपकथन, चरित्र-चित्रण, प्रकृति वर्णन तथा रसों का सुन्दर सामन्जस्य इस नाटक में पूर्ण परिपाक को प्राप्त हुये हैं। मानव हृदय की सूक्ष्मातिसूक्ष्म भावदशाओं का चित्रण इस नाटक में सर्वत्र देखा जा सकता है। नाटक का प्रधान रस शृंगार है तथा हास्य की भी सुन्दर उद्भावना हुई है।
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