Garud Puran Pretakalpa (गरुण पुराण प्रेतकल्प)
₹112.00
Author | Pt. Agninarayan Mishr |
Publisher | Shri Vishnu Prakashan |
Language | Hindi & Sanskrit |
Edition | - |
ISBN | - |
Pages | 222 |
Cover | Paper Back |
Size | 14 x 4 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | SVP0018 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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गरुण पुराण प्रेतकल्प (Garud Puran Pretakalpa) गरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद जीव की गति और उसके कर्मकांडों के संबंध में जानकारी दी गई है। इसे प्रेतखंड या प्रेतकल्प भी कहा जाता है। गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु पक्षीराज गरुड़ को मृत्यु के बारे में जो कुछ भी बताते हैं, उसका वर्णन मिलता है। इसमें जन्म, मृत्यु, पुनर्जन्म, कर्म, आत्मा, पाप-पुण्य, नीति-नियम, धर्म और ज्ञान से संबंधित बातें बताई गई हैं। गरुड़ पुराण में यह वर्णन मिलता है कि व्यक्ति को मरने के बाद कौन से कष्ट झेलने पड़ते हैं। इसमें ऐसे सभी कामों को पाप माना गया है जो धर्म के विरुद्ध किए गए हों। मान्यता है कि, गरुड़ पुराण व्यक्ति को अच्छे कर्म करने के लिए प्रेरित करता है। किसी की मृत्यु के बाद अगर घर पर इसका पाठ कराया जाए, तो इससे आत्मा को सद्गति प्राप्त होती है।
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