Karma Kand Prabodh (कर्मकाण्ड प्रबोध)
₹221.00
Author | Dr. Ramamilan Mishra |
Publisher | Shree Vedang Sansthan Prayagraj |
Language | Hindi & Sanskrit |
Edition | 1st Edition |
ISBN | 978-81-935160-0-3 |
Pages | 256 |
Cover | Paper Back |
Size | 14 x 4 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | SVS0003 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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कर्मकाण्ड प्रबोध (Karma Kand Prabodh) कर्मकाण्ड कराने में जिज्ञासा रखने वाले प्रारम्भिक छात्रों को ध्यान में रखते हुए प्रस्तुत कर्मकाण्ड-प्रबोध नामक पुस्तक का सम्पादन किया जा रहा है। इसमें कर्मकाण्ड सम्बन्धी प्रारम्भिक जानकारी एवं गणेश गौरी, कलश, षोडश मातृका, सप्त घृत मातृका सहित वास्तु, योगिनी, क्षेत्रपाल, नवग्रह मण्डल, सर्वतोभद्रमण्डल, तथा चतुर्लिङ्गतोभद्रमण्डल का आवाहन, पूजन सहित और प्रधान देवता पूजन का विधान यथा सम्भव सरल ढंग से प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। कुशकण्डिका विधान इस पुस्तक की विशेषता है जिसका प्रायः लोप ही देखा जाता है जबकि प्रत्येक हवन कर्म में कुशकण्डिका आवश्यक कर्म है।
साथ ही पुरुषसूक्त, श्री सूक्त तथा रुद्र सूक्त भी दिया जा रहा है जिसका प्रयोग विष्णु शिव एवं लक्ष्मी या दुर्गा के पूजन में किया जा सके। इसके अतिरिक्त पूजन में प्रयुक्त होने वाले वैदिक मंत्र, कण्ठाग्र करणीय देवताओं के श्लोक, मङ्गलादि अष्टयोगिनियों के वैदिक मन्त्र मूल एवं पंचक नक्षत्रों के वैदिक मंत्र भी दिए जा रहे हैं। रत्न पूजन एवं वाहन पूजन की विधि भी अन्त में दी गई है, जो कि वर्तमान में अत्यन्त उपयोगी है। प्रत्येक कर्मकाण्ड में इनका प्रयोग होने से जिज्ञासुओं के लिए उपयोगी होगें। इसके माध्यम से आवश्यक सभी यज्ञ अनुष्ठान सम्पन्न किए जा सकते हैं। पुस्तक में वैदिक एवं पौराणिक दोनों प्रकार के मंत्रों का संकलन होने से सर्वग्राह्य होगी। कर्मकाण्ड प्रबोध का प्रथम संस्करण श्री गुरुपूर्णिमा, संवत् २०७२ विक्रमी को किया गया।
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