Purnamasi Vrat Katha (पूर्णमासी व्रत कथा)
₹20.00
Author | - |
Publisher | Shri Durga Pustak Bhandar Pvt. Ltd. |
Language | Hindi |
Edition | - |
ISBN | - |
Pages | 24 |
Cover | Paper Back |
Size | 14 x 4 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | SDPB0047 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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पूर्णमासी व्रत कथा (Purnamasi Vrat Katha) पूर्णिमा का दिन भगवान शिव, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का विशेष दिन है। इस व्रत को करने से माता लक्ष्मी भगवान विष्णु और भगवान शिव की आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पूर्णमासी व्रत कथा प्रत्येक मास की पूर्णिमा को पूर्ण चन्द्रमा का और तत्प्रकाशक सूर्य का तथा विष्णु-रूप सत्यनारायण का व्रत किया जाता है। यह पूर्णिमा व्रत के हेतु चन्द्रोदय-व्यापिनी ली जाती है। इसमें देव- पूजन, दान-पुण्य, तीर्थ स्नान और वेद, पुराण सुनने से अक्षय पुण्य मिलता है। यदि इस दिन चित्रा नक्षत्र हो तो तरह-तरह के वस्त्र दान करने से स्त्रियों के सौभाग्य की वृद्धि होती है। अच्छी सन्तान और सौभाग्यादि के लिये स्त्रियों को द्वात्रिंशत् ( अर्थात् बत्तीस ) पूर्णमासी का व्रत करना चाहिये। यों तो किसी भी पूर्णमासी से इसे आरम्भ कर सकते हैं, परन्तु यदि मासों में सर्वोत्तम मार्ग शीर्ष मास से आरम्भ किया जाय तो अति उत्तम है। अन्त में उद्यापन करना चाहिये।
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