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Garud Puran (गरुण पुराण)

127.00

Author Shri Ram Ji Sharma
Publisher Shri Durga Pustak Bhandar Pvt. Ltd.
Language Hidni & Sanskrit
Edition -
ISBN -
Pages 224
Cover Paper Back
Size 14 x 4 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code SDPB0031
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Description

गरुण पुराण (Garud Puran) गरुड़ पुराण ऐसा ग्रंथ है, जिसमें जन्म, मृत्यु, पुनर्जन्म, कर्म, आत्मा, पाप-पुण्य, नीति-नियम, धर्म और ज्ञान से संबंधित बातें बताया गया है। साथ ही इसमें मृत्यु पश्चात आत्मा के मनुष्य योनि और प्रेत योनि में जाने के बारे में भी बताया गया है कि आखिर किन कर्मों के बाद आत्मा प्रेत योनि में जाती है।

सनातन हिन्दू धर्म में मृत्यु के बाद गरुड़ पुराण के श्रवण का प्रावधान है। इस पुराण के अधिष्ठातृ देव भगवान विष्णु हैं। इसमें भक्ति, ज्ञान, वैराग्य, सदाचार, निष्काम कर्म की महिमा के साथ यज्ञ, दान, तप तीर्थ आदि शुभ कर्मों में सर्व साधारण को प्रवृत्त करने के लिये अनेक लौकिक और पारलौकिक फलों का वर्णन किया गया है।

गरुड़ पुराण में मनुष्य के कर्म का लेखा-जोखा बताया गया है जिससे मनुष्य के पाप और पुण्य निर्धारित होते हैं। मान्यता है कि व्यक्ति को अपनी मृत्यु के बाद कर्मों के आधार पर स्वर्ग और नरक की प्राप्ति होती है। गरुड़ पुराण में यह भी बताया गया है कि कर्मों के आधार पर अगले जन्म में व्यक्ति किसी रूप में जन्म लेता है।

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