Vivah Sanskar Vidhi (विवाह संस्कार विधि)
₹50.00
Author | Shri Dhar Shastri |
Publisher | Shastri Prakashan |
Language | Sanskrit & Hindi |
Edition | 1st edition, 2021 |
ISBN | - |
Pages | 112 |
Cover | Paper Back |
Size | 17 x 0.5 x 11 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | SP0029 |
Other | Dispach in 1-3 days |
8 in stock (can be backordered)
CompareDescription
विवाह संस्कार विधि (Vivah Sanskar Vidhi) विशेष व्यवस्था- विवाह संस्कार में देव पूजन, यज्ञ आदि से सम्बन्धित सभी व्यवस्थाएँ पहले से बनाकर रखनी चाहिए। सामूहिक विवाह हो, तो प्रत्येक जोड़े के हिसाब से प्रत्येक वेदी पर आवश्यक सामग्री रहनी चाहिए, कर्मकाण्ड ठीक से होते चलें, इसके लिए प्रत्येक वेदी पर एक- एक जानकार व्यक्ति भी नियुक्त करना चाहिए। एक ही विवाह है, तो आचार्य स्वयं ही देख-रेख रख सकते हैं। सामान्य व्यवस्था के साथ जिन वस्तुओं की जरूरत विशेष कर्मकाण्ड में पड़ती है, उन पर प्रारम्भ में दृष्टि डाल लेनी चाहिए।
शुभ दिन को विवाह- संस्कार होना है, उस दिन प्रातःकाल यज्ञोपवीत धारण का क्रम व्यवस्थित ढंग से करा दिया जाए। विवाह संस्कार के लिए सजे हुए वर के वस्त्र आदि उतरवाकर यज्ञोपवीत पहनाना अटपटा सा लगता है। इसलिए उसको पहले ही पूरा कर लिया जाए। यदि वह सम्भव न हो, तो स्वागत के बाद यज्ञोपवीत धारण करा दिया जाता है। उसे वस्त्रों पर ही पहना देना चाहिए, जो संस्कार के बाद अन्दर कर लिया जाता है।
Reviews
There are no reviews yet.