Ashtavakra Geeta (अष्टावक्र गीता)
₹130.00
Author | - |
Publisher | Khemraj Sri Krishna Das Prakashan, Bombay |
Language | Sanskrit & Hindi |
Edition | 2019 |
ISBN | - |
Pages | 172 |
Cover | Paper Back |
Size | 12 x 1 x 18 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | KH0006 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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CompareDescription
अष्टावक्र गीता (Ashtavakra Geeta) परमत्तत्त्व का ज्ञान शास्त्र और ब्रह्मवेत्ता सद्गुरु के उपदेश के विना किसी को भी नहीं होता है, इस वास्ते परमोपकारक महर्षिजनोंने अध्यात्मविद्योपदेशके अर्थ अनेक प्रकारके वेदान्तअन्य निर्माण करके परमतत्त्वको प्रगट किया है। उन ऋषियोंमें अग्रगण्य श्रीअष्टावक्रमहर्षि जीने राजा जनकजीके प्रति जो ब्रह्मविद्याका उपदेश किया, वह “अष्टावक्रगीता” इस नामसे ग्रन्थरूप होकर प्रसिद्ध हुआ।
यह “अष्टावक्रगीता ” ग्रन्य ब्रह्मविद्यामें अतिमान्य है, इसका लाभ सर्व लोगों को होने के वास्ते हमने इसकी सरल सुबोध सान्वयभाषा-बनवाकर निज “श्रीवेंकटेश्वर” स्टीम्-प्रेस में छापकर प्रसिद्ध किया है। सर्व सज्जन ब्रह्मविद्याभिलाषियोंसे प्रार्थना है कि, इस ग्रन्थका संग्रह करके इसमें कहे हुए ब्रह्मोपदेशको जानकर इस भवसागरके तरनेका उपाय निश्चित करके अपने इस जन्मको सार्थक करेंगे।
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