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Bharatiya Gyan Parampra Vimarsh (भारतीय ज्ञानपरम्परा विमर्श)

1,036.00

Author Prof. Hari Sankar Panday
Publisher Bharat Bharati
Language Hindi & Sanskrit
Edition 2023
ISBN 978-81-940936-8-8
Pages 270
Cover Hard Cover
Size 14 x 2 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code BBH0004
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Description

भारतीय ज्ञानपरम्परा विमर्श (Bharatiya Gyan Parampra Vimarsh) भारतीयज्ञानपरम्परा अनादिकाल से प्राहमान है। यह दिक्षीत है। और अनन्त धारा है। जहां सुख है, सम्भूति है, तेज है, बल है, जजस्यिता के साथ ही नित्यरमणीयता का भधुमय संगीत सुनाई पड़ता है। यहाँ सब कुछ नपुर, जीत है, प्रसन्न है, अतिष एवं अप्रतिहत है। यह ऋषियों की अनादिकालीन एवं सीमामणी है, जो देश, काल, समय की पापा सेरिजन है। महत, प्राकृत और पाती भारतीय ज्ञानपरम्मत के स्तम्भ हैं। परस्पर सम्पृक्त एवं समन्वय को सारस्वत साधना से प्रकृति एवं विनसित है।

यह शोध अन्य भारतीय ज्ञान परम्परा, कपि परम्परा की वाणी, उनकी ज्ञानप्रविधि पर आधारित है। भारतीय ज्ञान परम्परा विमर्श, भारतीय ज्ञान परम्परा में गायत्री माता, कला, सौन्दर्य, अष्टमंगल, बोकाशी, गणेश, श्रीराम, स्वस्तिक, मत्स्य, जगत्सुन्दरी अन्नपूर्णा, जीवनमूल्य, वैदिक साहित्य में राष्ट्रवाद, जैनसायनस में सालम्बनध्यान, वैदिक परम्परा में समाधिभरण (मृत्यु), भारतीय जान परम्परा में संस्कृत, राष्ट्राभिवर्धन के प्राध्य संसाधन शिक्षकों की भूमिका भट्टारक शब्द विमर्श व्यक्तित्व विकास के समापन आदि से प्रतिष्ट्रियषित एवं प्रसन्न है।

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