Bhav Prakash Nighantu (भावप्रकाशनिघण्टु)
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Author | Prof. Krishna Chandra Chunekar |
Publisher | Chaukhmabha Bharati Academy |
Language | Hindi |
Edition | 2024 |
ISBN | 978-81-909872-0-2 |
Pages | 960 |
Cover | Paper Back |
Size | 14 x 4 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | CSSO0694 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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भावप्रकाशनिघण्टु (Bhav Prakash Nighantu) आचार्य भावमिश्र ने ई.स. १५००-१६०० में एक ऐसे अपूर्व आयुर्वेदीय चिकित्सा ग्रन्थ का निर्माण किया जो प्राचीन संहिता ग्रन्थों की श्रृंखला में अन्तिम कड़ी कहा जा सकता है। इसमें द्रव्यगुण संबंधी विषय को परिवर्धित किया गया जिससे नवीनतम द्रव्य जैसे द्वीपान्तर वचा, पारसीक यवानी का समावेश सर्वप्रथम किया गया। इसलिये इसी निघण्टु को पाठ्यग्रन्थ के रूप में अनेको विश्वविद्यालयों में स्वीकृत किया गया।
मूल ग्रन्थ संस्कृत में है इसलिये युगानुरूप इसकी टीकायें लिखी गईं जिनमें प्रस्तुत टीका सर्वोत्तम मानी गई और अनेक बार पुनर्मुद्रित की गई। अब परिवर्धित तथा संशोधित नवीनतम संस्करण प्रस्तुत किया जा रहा है। इसमें द्रव्यों के ज्ञान की दृष्टि से सभी दृष्टिकोणों से विशद विमर्श किया गया है। अनुसन्धान करने वाले विद्वानों के लिए तथा छात्रों के लिये यह अत्यन्त ही उपयोगी है। इसमें संस्कृत के मूल श्लोकों का हिन्दी अनुवाद, द्रव्यों के विभिन्न भारतीय भाषाओं के नाम, अंग्रेजी तथा लेटिन नाम, वनस्पतियों के उत्पत्ति स्थान, संक्षेप में उनका परिचय, रासायनिक संगठन, गुण, प्रयोग एवं यथासंभव मात्रा आदि का उल्लेख किया गया है। संदिग्ध द्रव्यों के संबंध में विस्तृत विवेचन किया गया है, जो संदिग्ध द्रव्य निर्णय में सहायक होगा।
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