Loading...
Get FREE Surprise gift on the purchase of Rs. 2000/- and above.
-6%

Chando Manjari (छंदोमञ्जरी)

80.00

Author Pt. Parmeshwardeen Pandya
Publisher Chaukhambha Sanskrit Series Office
Language Sanskrit
Edition 2023
ISBN -
Pages 180
Cover Paper Back
Size 14 x 2 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code CSSO0546
Other Dispatched in 1-3 days

10 in stock (can be backordered)

Compare

Description

छंदोमञ्जरी (Chando Manjari) पुस्तक संस्कृत साहित्य का एक अनमोल ग्रन्थ है। जिसके संपादक एवं हिंदी व्याख्याकार पंडित परमेश्वरदीन पाण्डेयः जी है। यह पुस्तक छंदोमञ्जरी संस्कृत टीका तथा ‘सुधा’ संस्कृत-हिंदी व्याख्या सहित है। इस पुस्तक में कुल १८० पृष्ठ है, जो पेपरबैक संस्करण में उपलब्ध है। वर्त्तमान में पुस्तक का प्रथम संस्करण उपलब्ध है जो २०२३ में प्रकाशित है। यह पुस्तक चौखम्बा संस्कृत सीरीज ऑफिस द्वारा प्रकाशित की गई है।

छन्दः शास्त्र का ऐतिहासिक परिचय “छन्दः पादौ तु वेदस्य मुलं व्याकरणं स्मृतम्”

प्राक्तन उक्तियों के आधार पर यह प्रमाणित होता है कि पढरूग-नेयपुरुष का यह छन्दः शास्त्र पादस्वरूप प्रधान अंग है, पादप्रचलनक्रम से गतिशीलता प्राप्त होती है एवं बंदिक ऋचाएँ स्वानुकूल छन्दः पर आधारित है, स्वर व्यतिक्रम से अर्थ का अनर्थ हो जाता है, इसीचे वेद का पर्यायान्तर छन्दस् माना जाता है। साथ ही वैदिक वैशिष्टय के समान लौकिक वैशिष्टय भी छन्दःशास्त्र का सर्वमान्य है। इस प्रकार अनादिकाल से ही छन्दःशास्त्र की सत्ता विद्यमान है तथा वैदिक एवं लौकिक भेद से यह दो विधाओं में विभक्त है।

छन्दःशास्त्र के आदिप्रवर्तक भगवान् शंकर माने जाते हैं। देवेन्द्र, यास्कादि छः आचार्यों के जनन्तर परम्पराप्राप्त पिङ्गलाचार्य का नाम लिया जाता है। यद्यपि मतमता-तरों के अन्तर्गत क्रमविपर्यय एवं नामविपर्यय भी पाया जाता है तथापि आदिप्रवर्तक आशुतोष शङ्कर तथा प्रधान आचार्य पिङ्गल निविवाद सिद्ध है।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Chando Manjari (छंदोमञ्जरी)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Quick Navigation
×