Charudattam (चारुदत्तम्)
₹63.00
Author | Pt. Parmeshwaradeen Pandya |
Publisher | Chaukhambha Krishnadas Academy |
Language | Sanskrit & Hindi |
Edition | 2020 |
ISBN | - |
Pages | 172 |
Cover | Paper Back |
Size | 14 x 4 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | CSSO0670 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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चारुदत्तम् (Charudattam) प्रस्तुत ‘चारुदत्तम्’ महाकवि भासकृत नाटकों में से एक है। निःसन्देह नाटय-कला में भास का सर्वप्रथम स्थान रहा है। वैसे ‘राजशेखर’ ने इनके ‘नाटक-चक्र’ (१३ नाटकों) में ‘स्वप्नवासवदत्तम्’ को भास की सर्वश्रेष्ठ रचना माना है पर भाव तथा कथा-पक्ष दोनों दृष्टिकोणों से ‘चारुदत्तम्’ किसी प्रकार कम नहीं है।
यद्यपि ‘चारुदत्तम्’ की इससे पूर्व कतिपय टीकायें की जा चुकी हैं। पर उनसे छात्रों की कठिनाइयों का समीचीन-समाधान न हो सका। सुधा-संस्कृत हिन्दी टीका में प्रत्येक शब्द की संस्कृत-व्याख्या- समास, पर्याय तथा हिन्दी शब्दार्थ एकत्र ही दिये गये हैं। वृत्त, अलङ्कार निर्देश के साथ ही व्याकरण तथा अन्य विशिष्ट शब्दों को टिप्पणी देकर स्पष्ट कर दिया गया है। हिन्दी भावार्य पृथक् से देकर अन्त में सूक्तियाँ, वृत्तलक्षण, नाटकीय पारिभाषिक शब्द, श्लोकानुक्रम परिशिष्ट में दिये गये हैं। भूमिका में भास के जीवनवृत्त, काव्य-कला, साहित्यिक मूल्याङ्कन आदि आवश्यक सम्पूर्ण सामग्री का समावेश कर दिया है। इस प्रकार अध्येतृ-वर्ग को किसी भी शंका-समाधान के लिए अब भटकना नहीं पड़ेगा ।
‘सुधाटीका-युक्त’ ‘किरातार्जुनीय (४ से ८ सर्ग)’, ‘रत्नावली नाटिका’ तथा ‘शुकनासोपदेश’ पाठकों के समक्ष इससे पूर्व आ चुके हैं। विश्वास है कि प्रस्तुत ‘चारुदत्त’ से अध्येतृ-वर्ग उपकृत हो सकेगा। इस कार्य में जिन महानुभावों की कृतियों अथवा सत्परामशों से यत्किञ्चित् भी सहयोग मिला है, हम उन सबके कृतज्ञ हैं। अन्त में हम उन सभी ‘सहृदय-पाठकों’ के सुझावों की अपेक्षा करते रहेंगे जिनसे नाटक को अधिकाधिक छात्रोपयोगी बनाया जा सके।
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