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Dashagatra Vidhi (दशगात्र विधि)

45.00

Author Shri Dhar Shastri
Publisher Shastri Prakashan
Language Sanskrit & Hindi
Edition 1st edition, 2021
ISBN -
Pages 124
Cover Paper Back
Size 17 x 0.5 x 11 (l x w x h)
Weight
Item Code SP0013
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Description

दशगात्र विधि (Dashagatra Vidhi) प्राप्त पद्धतियों के आधार पर एक आचार संहिता के रूप में यह दशगात्र विधि आपके सामने है। अधिकांश यह भी देखने को मिला है; व्यक्ति दशम दिन ही ष‌ट्पिण्ड तथा दशगात्र का १० पिण्ड देता है अतः पद्धति के अन्त में उसकी विधि भी लिख दी है जिससे मेरे सदृश पुरोहितों को कठिनाई नहीं हो सकेगी। प्राप्त पद्धतियों में मृत्यु दिवस के तीसरे-पांचवे-सातवे-नवे दिन विषम दिनों में दशगात्र सम्बन्धी पिण्डदान का उल्लेख है।

कुछ लोग मृत्यु दिवस के दूसरे दिन से १० दिन तक प्रतिदिन पिण्डदान करते हैं। इसके लिए पुरोहितों को इस पद्धति में सकल्प आदि देखकर अलग लेना पड़ेगा इसी तरह पिता को आधार बना कर यह पद्धति लिखी गयी है। यदि माता का श्राद्ध करना हो तो पिता के स्थान माता शब्द की योजना कर लेनी चाहिए। तदनुसार गोत्र-प्रेत आदि शब्द को भी स्त्रीलिंग में कर लेना होगा।

जैसे- पिता में – गोत्र माता में – गोत्रे | पिता में – प्रेत माता में – प्रेते | पिता में – गोत्रस्य माता में – गोत्रायाः | पिता में – प्रेतस्य माता में – प्रेतायाः

इसी तरह अन्य सम्बन्धियों के पिण्डदान में पुरुष में पुल्लिङ्ग तथा स्त्री में स्त्रीलिङ्ग-शब्दों की योजना कर लेनी चाहिए।

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