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Diksha (दीक्षा)

85.00

Author Gopinath Kaviraj
Publisher Vishvidyalaya Prakashan
Language Hindi
Edition 2014
ISBN 978-81-89498-52-8
Pages 154
Cover Paper Back
Size 14 x 2 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code VVP0121
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Description

दीक्षा (Diksha) परमार्थ प्रसंगे महा महोपाध्याय ‘गोपीनाथ कविराज’ पाँच खण्डों में प्रकाशन करने के पश्चात् विभिन्न जिज्ञासुओं ने अध्यात्म-मार्ग के दिग्दर्शन के लिए-विशेष रूप से दीक्षा एवं सद्गुरु की प्राप्ति के लिए बड़े आग्रह के साथ पत्र लिखे। कुछ लोग इस विषय पर विचार-विमर्श करने के लिए आये थे। उनकी आन्तरिक इच्छा के परिप्रेक्ष्य में, परमाराध्य आचार्य देव की दीक्षा और सद्गुरु के बारे में, विभिन्न समय पर, विभिन्न पुस्तकों तथा पत्रिकाओं में प्रकाशित लेखों का संकलन करने का मैंने निश्चय किया। उसी संकल्प की फलश्रुति प्रस्तुत संकलन है। गंगाजल से गंगा-पूजा की तरह पूजनीय आचार्यदेव की जन्म शत-वार्षिकी के अवसर पर ‘दीक्षा प्रसंगे महामहोपाध्याय गोपीनाथ कविराज’ पुस्तक प्रणामांजलि तथा श्रद्धांजलि के रूप में निवेदित है। निम्नलिखित पुस्तकों तथा पत्रिकाओं से इस पुस्तक के विषय का चयन किया गया है।

१. ‘परमार्थ प्रसंगे महामहोपाध्याय गोपीनाथ कविराज’, २. ‘स्वसंवेदन’, ३. ‘विजिज्ञासा’, ४. ‘तांत्रिक साधनाओं सिद्धान्त’ एवं ५. ‘आनन्दवार्ता’।प्रथम स्तर के लेखों का संकलन करते समय कुछ प्रासंगिक लेख हमारी दृष्टि में नहीं आये थे, क्योंकि उक्त पुस्तकें तथा पत्रिकाएँ हमारे पास नहीं थीं। इसी कारण उन अंशों को परिशिष्ट के रूप में पुस्तक के अन्त में प्रकाशित किया गया है। इस अनिच्छाकृत त्रुटि के लिए पाठक-समाज से मैं क्षमा चाहता हूँ।सकृतज्ञ चित्त से स्मरण करता हूँ अध्यापक विश्वनाथ वंद्योपाध्याय, डॉ० मलयकुमार घोष, डॉ० अनिमेष बोस एवं श्री देवव्रत चक्रवर्ती की अकुष्ठ सहायता की बात। इन लोगों की सहायता न पाने पर इस संकलन का प्रकाशन सम्भव नहीं होता। मेरे आध्यात्मिक मार्ग के अग्रज पूजनीय डॉ० गोविन्द गोपाल मुखोपाध्याय महाशय ने विषयवस्तु चयन से लेकर प्रूफ देखने तक सर्वस्तर में सहायता को है और प्रेरणा देते रहे हैं। इसके लिए उनके निकट मेरा ऋण अपरिशोध्य है।

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