Gautamiya Mahatantram (गौतमीयमहातन्त्रम्)
Original price was: ₹450.00.₹382.00Current price is: ₹382.00.
Author | Srinivas Sharma |
Publisher | Chaukhamba Surbharati Prakashan |
Language | Hindi & Sanskrit |
Edition | 2015 |
ISBN | 97-89385005329 |
Pages | 352 |
Cover | Hard Cover |
Size | 14 x 2 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | CSP0281 |
Other | Dispatched in 3 days |
9 in stock (can be backordered)
CompareDescription
गौतमीयमहातन्त्रम् (Gautamiya Mahatantram) यह सर्वज्ञात है कि वैखानस एवं पाञ्चरात्ररूप द्विविध भेद वाले वैष्णवागम के दिव्यादिव्यभेदात्मक पाञ्चरात्र ग्रन्थों में परब्रह्म परमात्मा श्रीविष्णु के श्रीकृष्णस्वरूप का माहात्म्य वर्णित है। उन्हीं पाञ्चरात्र ग्रन्थों के अंशविशेषस्वरूप आदिव्यभेदात्मक ग्रन्थों में प्रकृत ‘गौतमीय महातन्त्र’ अन्यतम स्थान पर अवस्थित है। क्रियाकाण्ड़-प्रधान बत्तीस अध्यायों में निबद्ध इस ग्रन्थ में जगत्पति श्रीकृष्ण के अनेकविध मन्त्रों का सांगोपांग विवेचन करते हुये उनके विविध स्वरूपों का अद्भासन करके फलभेद के अनुसार अलग-अलग रूप से उन भगवान् श्रीकृष्ण की तान्त्रिक पूजा का सविस्तर विवेचन किया गया है। इस प्रकार श्रीकृष्ण का चिन्तन ही इस ग्रन्थ का केन्द्रबिन्दु है।
भगवान् श्रीकृष्ण के एकक्षर से लेकर मालामन्त्र तक का उद्घाटक यह ग्रन्थरत्न वर्तमान कलिकाल में त्रिविध तापों से त्राण दिलाने वाला है। गौतम-नारद के प्रश्नोत्तरात्मक इस ग्रन्थ में लोककल्याण- हेतु ज्ञानचर्चा की गई है। मन्त्र-बीच-ऋषि- छन्द-देवता-ब्रह्मपञ्चक न्यास-मातृक न्यास-प्राणायाम आदि के विश्लेषक इस ग्रन्थ में दीक्षाविधि, नित्यकृत्यों में पूजा के पाँच भेद, स्नान, तर्पण, गायत्रीजप, शंख-चक्रांकन, सूर्यपूजन, भगवत्स्वरूप का उद्घाटन, वैष्णवों की द्वादश शुद्धि वृन्दावन-नन्द आदि का आवाहन-पूजन, भूतोत्सारण आदि विषय सम्यक् सम्यक् रूपेण निरूपित हैं। साथ ही ग्रन्थ के चरमाध्याय में अंगसहित योग का भी स्पृहणीय विवेचन विवेचित है। हिन्दी टीका से विभूषित भगवान् श्रीकृष्ण की सविधि तान्त्रिक साधना का यह अनुपम ग्रन्थ साधकों एवं जिज्ञासुओं के लिये सर्वतोभावेन उपादेय है।
Reviews
There are no reviews yet.