Gaytri Bhasya (गायत्री भाष्य)
₹30.00
Author | Pt. Jagannath Mishr |
Publisher | Pilgrims Publishing |
Language | Hindi |
Edition | 2005 |
ISBN | 81-7769-364-6 |
Pages | 41 |
Cover | Paper Back |
Size | 14 x 2 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | PGP0135 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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गायत्री भाष्य (Gaytri Bhasya) गायत्री मंत्र सात्विक उत्कर्ष का परिचायक है। प्रमाणित तथ्य है कि गायत्री मंत्रों के स्मरण, नमन् से ही परमात्मा से आत्म-साक्षात्कार हो जाता है। क्योंकि परमात्मा का सानिध्य सर्वव्यापी शब्द-तत्व गायत्री मंत्रों में सन्निहित है।
‘गायत्रीभाष्य’ पुस्तक में बताया गया है कि गायत्री मंत्रों के तेज-पुंज से ही संसार की सारी गतिविधियां गतिमान हैं। गायत्री मंत्रों की महत्ता के सम्बन्ध में महर्षि याज्ञवल्क्य ने कहा है-
यथा च मधु पुष्पेभ्यो घृतं दुग्धाद्रसात् पयः ।
एवं हि सर्ववेदानां गायत्रीसारमुच्यते ।।
अर्थात् पुष्पों का सार मधु, दूध का सार घृत और रस का सार दूध है वैसे ही सर्ववेदों का सार गायत्री है। अतः आप सभी इस पुस्तक के अध्ययन, मनन एवं अनुपालन से गायत्री मंत्रों के बहुविधि सत्फल की उपलब्धि से लाभान्वित हों।
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