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Hanuman Upasana (हनुमान उपासना)

30.00

Author Acharya Pt. Shivdatt Mishr
Publisher Babu Thakur Prasad Book Seller
Language Sanskrit & Hindi
Edition 2023
ISBN -
Pages 40
Cover Paper Back
Size 14 x 2 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code RTP0187
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Description

हनुमान उपासना (Hanuman Upasana) पवनसुत हनुमान्जी की उपासना से मनुष्य की सभी कामनाओं की सिद्धि होती है और अन्त में उसकी सद्गति भी होती है। हनुमान्जी सर्वरूप, सर्वज्ञ, सृष्टि एवं स्थितिकर्ता हैं। वही ब्रह्मा, विष्णु और साक्षात् शिवस्वरूप हैं। नारदपुराण में कहा भी गया है-

‘स स्वरूपः सर्वज्ञः सृष्टि-स्थितिकरोऽवतु । स्वयं ब्रह्मा स्वयं विष्णुः सक्षात् देवो महेश्वरः ॥’

हनुमान्जी को सभी शास्त्रों एवं पुराणों ने एकादश रुद्रावतार और शिवस्वरूप तथा साक्षात् परब्रह्म माना है। भगवान् राम और हनुमान् में कोई भेद नहीं है, बल्कि दोनों ही परब्रह्म के स्वरूप एवं अभिन्न हैं। श्री हनुमान्जी की आराधना-उपासना से सभी अभिलाषाएँ अवश्य पूरी होती हैं, किन्तु आवश्यकता है मात्र श्रद्धा-भक्ति एवं विश्वास की। जो मनुष्य श्रद्धा एवं विश्वास के साथ श्री हनुमान्जी की उपासना करते हैं, उनकी सभी कामनाएँ पूरी होती हैं और हनुमान्जी साक्षात् दर्शन देकर उन्हें कृतार्थ भी करते हैं।

हनुमान्जी को प्रसन्न करने के लिए प्रस्तुत हनुमान-उपासना सुगम मार्ग है। वैसे, हनुमान्जी को अपना प्रभाव विस्मृत रहता है, अतः स्तुति-स्तोत्रों के द्वारा उनके गुणों एवं पराक्रमों का संस्मरण कराने पर वह अधिक प्रसन्न होते हैं एवं अपने भक्तों की मनचाही कामनाएँ पूर्ण करते हैं। इसमें हनुमान्जी के विषय में जानकारी के लिए, उनका जीवन-चरित तथा हनुमत्-पूजन विधि एवं प्रतिदिन के लिए पाठोपयोगी विषय एकमुख-हनुमत्-कवच, पञ्चमुख हनुमत्-कवच, हनुमत्स्तोत्र, लाङ्गलास्त्र-शत्रुञ्जय-हनुमत्स्तोत्र एवं हनुमद्-वडवानल स्तोत्र आदि अनेक स्तुति-स्तोत्र और चालीसा-पाठ प्रभृति विषय संकलित किए गये हैं, जो पाठक-वर्ग के लिए विशेष उपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण हैं।

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