Loading...
Get FREE Surprise gift on the purchase of Rs. 2000/- and above.

Havan Vidhi (हवन विधि-हवन के मंत्र)

35.00

Author Shri Dhar Shastri
Publisher Shastri Prakashan
Language Sanskrit & Hindi
Edition 1st edition, 2019
ISBN -
Pages 80
Cover Paper Back
Size 17 x 0.5 x 11 (l x w x h)
Weight
Item Code SP0001
Other Dispatched in 1-3 days

 

7 in stock (can be backordered)

Compare

Description

हवन विधि-हवन के मंत्र (Havan Vidhi) संस्कृत ग्रंथ में कर्मकाण्ड की प्रमुख्य पुस्तक है। इस पुस्तक में कर्मकाण्ड से सम्बंधित सभी विधि तथा मंत्र की विवेचना की गई है। हवन विधि वाशिष्ठीहवनपद्धति, ग्रहशान्ति आदि अनेक पद्धतियों से देवताओं के नामों का संग्रह किया और उन्हें स्वाहाकार के साथ बनाया गया है।

विश्वकल्याणकारिणी वैदिक संस्कृति के मूल आधार वेद है और वेद यज्ञमय है। जिस कर्म-विशेष में देवता, हवनीय द्रव्य, वेदमन्त्र, ऋत्विक् और दक्षिणा – इन पाँचों का संयोग हो उसे यज्ञ कहते हैं। यज्ञ के दो भेद होते हैं- एक यज्ञ और दूसरा महायज्ञ । जो अपने ऐहिक तथा पारलौकिक कल्याण के लिए पुत्रेष्टियाग और विष्णुयागादि करते हैं, उन्हें ‘यज्ञ’ कहते हैं और जो विश्वकल्याणार्थ ‘पञ्चमहायज्ञ’ आदि करते हैं, उन्हें ‘महायज्ञ’ कहते हैं।

प्रधानतया यज्ञ दो प्रकार के होते हैं- श्रौत और स्मार्त्त। श्रुतिप्रतिपादित यज्ञों को श्रौतयज्ञ और स्मृतिप्रतिपादित यज्ञों को स्मार्तयज्ञ कहते हैं। श्रौतयज्ञ में केवल श्रुतिप्रतिपादित मन्त्रों का प्रयोग होता है और स्मार्तयज्ञ में वैदिक, पौराणिक और तांत्रिक का प्रयोग होता है। यह भारतवर्ष सर्वदा से ‘यज्ञिय देश’ कहा जाता है। यहाँ प्राचीनकाल से ही भारत के प्रत्येक प्रान्त, प्रत्येक नगर, प्रत्येक ग्राम और प्रत्येक घर में सर्वदा यज्ञ होते हैं। वैसे भी भारतवर्ष की धार्मिकता और यज्ञ-परम्परा सम्पूर्ण विश्व में प्रसिद्ध है।

भारतवर्ष की धार्मिकता और यज्ञ-परम्परा से सन्तुष्ट होकर देवगण सर्वदा यहीं निवास करते हैं, इसीलिए भारतवर्ष को ‘देवभूमि’ कहा गया है। जिस प्रकार श्राद्ध में ब्राह्मणों को भोजन कराने से पितर तृप्त और सन्तुष्ट होते हैं, उसी प्रकार यज्ञ की अग्नि में हवनीय द्रव्य द्वारा हवन करने से देवता तृप्त और सन्तुष्ट होते हैं। ‘देवतोद्देशेन अग्नौ हविर्द्रव्यत्यागो यागः’ के अनुसार देवता के उद्देश्य अग्नि में हविर्द्रव्य का जो त्याग किया जाता है, उसे यज्ञ कहते हैं।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Havan Vidhi (हवन विधि-हवन के मंत्र)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Quick Navigation
×