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Kaal Mimansa (काल मीमांसा)
₹170.00
Author | Swami Katpatri JI Maharaj |
Publisher | Vedshastranusandhan Kendra |
Language | Sanskrit & Hindi |
Edition | 2023 |
ISBN | 978-9391-512538 |
Pages | 110 |
Cover | Paper Back |
Size | 13 x 1 x 21 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | KJM0013 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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काल मीमांसा (Kaal Mimansa) इस प्रस्तुत निबन्ध में रामायण-महाभारत काल गणना के साथ-साथ कुछ अंश बढ़ा है, जो कि विचारकों के लिए तथा जिज्ञासुओं के लिए परम उपयोगी होगा। विषय-सूची खण्ड दो में वह सारा विषय दिया हुआ है।
प्रोफेसर ग. वा. कवीश्वरजी ने अपनी पुस्तक ‘महाभारत युद्ध के काल- गणनात्मक रहस्य में युद्धकाल में अवकाश मानकर महाभारत के वचनों के आधार पर तिथियों और नक्षत्रों का तालमेल मिलाने का प्रशंसनीय प्रयास किया है। उसकी समालोचना करके वस्तुतः महाभारत के अन्तःसाक्ष्य के आधार पर जो तिथियाँ गीता-जयन्ती, युद्धकाल एवं भीष्म-निर्वाण की ठहरती हैं, वह अन्तिम लेख-परिशिष्ट में दी हुई है।
इस लघु-कलेवर पुस्तक में विचार सम्पूर्ण पूज्यपाद गुरुदेव श्रीस्वामी करपात्रीजी महाराज के हैं। हम लोगों ने उसी विचार को लेखनी द्वारा उपनिबद्ध किया है। यह सारा ही ग्रन्थ पूज्यपाद गुरुदेव का ही है और इसे उन्होंने अशरणक्षरण अकारणकरण करुणावरुणालय कर्तुमकर्तुमन्यथाकर्तुं समर्थ रामकृपेश्वर भगवान् के चरणों में अर्पित कर दिया है, जिनकी स्थापना इसी संवत् २०३५ में दशहरा के दिन वेद-शास्त्रानुसन्धान-भवन में हुई है।
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