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Kashi Ka Itihas Aur Darshaniya Shivalinga (काशी का इतिहास और दर्शनीय शिवलिङ्ग)

34.00

Author Shambhu Nath Manav
Publisher Babu Thakur Prasad Bookseller
Language Hindi
Edition 2016
ISBN -
Pages 112
Cover Paper Back
Size 14 x 2 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code RTP0146
Other Dispatched in 1-3 days

 

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Description

काशी का इतिहास और दर्शनीय शिवलिङ्ग (Kashi ka itihas Aur Darshaniya Shivling) कोई भी तीर्थ धर्म का जीवंत और उसका साकार रूप होता है। इसलिए धर्म के प्रति श्रद्धालुओं को उन तीर्थों में आस्था के साथ-साथ उसकी सम्यक् जानकारी भी रखनी चाहिए। जानकारी से अर्थ यहां यह है कि उसको अपने में बसा लेना या उसमें समाहित हो जाना, ऐसा तभी होता है, जब व्यक्ति उसके प्रति श्रद्धावनत हो या समर्पित हो।

काशी की महत्ता का ही प्रभाव है कि हमारे शास्त्रों में इसकी सांगोपांग चर्चा हुई है। इसलिए इसकी प्रमाणिकता पर कोई प्रश्नचिह्न न लगे इसके लिए स्कन्द पुराण में आये उल्लेख को ही यहां प्रस्तुत किया गया है। पुस्तक का आकार छोटा होने के कारण बहुत से महत्वपूर्ण विषय जिसको चाह कर भी नहीं दे सका, फिर भी प्रयत्न यही हुआ है कि अधिक से अधिक महत्वपूर्ण तथ्यों को इस पुस्तक में समाहित किया जाय। पाठक इस सीमित जानकारी में संतुष्टी का अनुभव करें इसका पूरा प्रयास किया गया है। तथ्यों को जीवंत करने के लिए उससे संबंधित चित्र के जरिए भी इसे मनमोहक बनाने की कोशिश की गई है। भाषा की दृष्टि से सरलता और सहजता बनी रहे, इसका ध्यान रखा गया है। भाषा में इस बात का भी ध्यान दिया गया है कि भारतीय चिंतन और वहां की परम्पराओं को भाषाबद्ध करने के लिए परिमार्जित हिन्दी ही उपयुक्त होगी। इसलिए परिमार्जन की दृष्टि से संस्कृत से प्रभावित हिन्दी का ही सहारा लिया गया है। इन सबके बाद भी भाषा की बोधगम्यता प्रभावित नहीं हुई है।

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