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Pradosh Vrat Katha (प्रदोष व्रत कथा)

20.00

Author -
Publisher Rupesh Thakur Prasad Prakashan
Language Hindi
Edition 1st edition, 2009
ISBN 435-542-2392544
Pages 24
Cover Paper Back
Size 21 x 0.5 x 13 (l x w x h)
Weight
Item Code RTP0021
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Description

प्रदोष व्रत कथा (Pradosh Vrat Katha) १- रवि प्रदोष-:आयु-आरोग्यता के लिये रवि प्रदोष करना चाहिये। २-सोम प्रदोष-: अभीष्ट सिद्धि हेतु सोम प्रदोष व्रत करें। ३-मंगल प्रदोष-: रोगों से मुक्ति और स्वास्थ्य हेतु मंगल प्रदोष व्रत करें। ४-बुध प्रदोष-: सर्व कामना सिद्धि के लिए बुध प्रदोष व्रत करें। ५- वृहस्पति प्रदोष-: शत्रु-विनाश के लिये बृहस्पति प्रदोष करें। ६- शुक्र प्रदोष-: सौभाग्य और स्त्री की समृद्धि के लिये शुक्र प्रदोष करें। ७-शनि प्रदोष-: पुत्र प्राप्ति हेतु शनि प्रदोष व्रत करें।

नोट – त्रयोदशी के दिन जो वार पड़ता हो, उसी वार का त्रयोदशी (प्रदोष) व्रत करना चाहिये तथा उसी दिन की कथा पढ़नी व सुननी चाहिये। रवि, सोम, शनि त्रयोदशी (प्रदोष) व्रत अवश्य करे, इनसे अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है

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