Loading...
Get FREE Surprise gift on the purchase of Rs. 2000/- and above.
-15%

Sampurna Patrakarita (सम्पूर्ण पत्रकारिता)

340.00

Author Dr. Arjun Tiwari
Publisher Vishvidyalaya Prakashan
Language Hindi
Edition 2018
ISBN 978-93-5146-021-3
Pages 608
Cover Paper Back
Size 14 x 2 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code VVP0120
Other Dispatched in 1-3 days

 

10 in stock (can be backordered)

Compare

Description

सम्पूर्ण पत्रकारिता (Sampurna Patrakarita) जीवन और जगत के अन्तसूत्रों को जोड़ने वाली सशक्त विधा ही पत्रकारिता है। ‘जीवनं सत्यशोधनम्’ के अनुरूप जन-जन के चिन्तन तथा चरित्र को प्रभावित करने में पत्रकारिता अग्रगण्य है। इस संचार युग में नये बोध, नये तेवर, नये कलेवर में नित-नूतन सामग्रियों से भरपूर पत्र पाठकों के कंठहार बन रहे हैं। पल-पल परिवर्तित वक्त की सही पहचान के निमित्त अब माध्यमों से सुपरिचित होना अपरिहार्य हो चला है। समाचार, विचार, अर्थ, राजनीति, विज्ञान, अन्तरिक्ष, प्रौद्योगिकी, कला, उद्योग, फिल्म, फैशन, साहित्य, संस्कृति एवं स्वास्थ्य सन्दर्भित तथ्यों से परिपूर्ण पत्रकारिता आज की एक अनिवार्यता बन चुकी है जिसके पैनेपन और विस्तार, ताजगी और गहराई के कारण जन-मानस प्रबुद्ध हो रहा है।

स्पर्धा- संघर्ष के वर्तमान युग में दक्ष संचारकर्मी, आदर्श सम्पादक, विशेषज्ञ संवाददाता, उल्लेखनीय स्तम्भ लेखक, मनोरम समाचार प्रस्तोता, उत्तरदायी ब्यूरो चीफ, सफल जनसम्पर्क अधिकारी और कुशल इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विशेषज्ञ के लिए अब पत्रकारिता प्रशिक्षण आवश्यक है जिसके निमित्त ही इस ग्रन्थ को उपस्थापित किया जा रहा है।संवादकला, सम्पादनकला, पत्रकारी के विविध सोपानों को पारकर अब पत्रकारिता जनसंचार प्रौद्योगिकी के रूप में प्रतिष्ठित है। प्रायः सभी विश्वविद्यालयों में इसका प्रशिक्षण प्रारम्भ है। सार्थक अध्यापन का मूल आधार पाठ्य सामग्री और ग्रन्थ है जिसकी ओर विश्वविद्यालय प्रकाशन, वाराणसी के सर्वस्व स्वर्गीय श्री पुरुषोत्तमदास मोदी की दृष्टि थी। उन्होंने जनसंचार जगत के उन्नयन हेतु ऐसे ग्रन्थ-रचना पर बल दिया जो सर्वाधिक पाठ्य अंशों को समाहित कर सके। श्री मोदी जैसे दूरदर्शी प्रकाशक की सात्त्विक प्रेरणा से ही यह मानक ग्रन्थ ‘सम्पूर्ण पत्रकारिता’ प्रस्तुत है।

ग्यारह खण्डों में विभाजित इस पुस्तक में उन्चास अध्याय हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अंग-प्रत्यंग के विवेचन द्वारा जन-सेवा, समाज-सुधार, नवोन्मेष एवं कलात्मक अभिरुचि के साथ ज्ञान-विस्तार वाली पत्रकारिता का इनमें अनुशीलन किया गया है। संचार क्रान्ति के इस दौर में तीव्र वैचारिकता का प्रतिफलन ही पत्रकारिता है। आज की पत्रकारिता लहरों पर आधारित है। आंगिक, मौखिक, लिखित, मुद्रित, दूरसंचार, साइबर लहरों ने सूचना-समृद्ध और सूचना-दरिद्र इन दो वर्गों में विश्व को विभाजित कर दिया है। मीडिया में अभूतपूर्व परिवर्तन हुआ है। अब ‘पेनलेस’ और ‘पेपरलेस’ पत्रकारिता की धूम मची हुई है।

इन्टरनेट के वर्चस्व का प्रतीक ‘ब्लाग’ अब स्वतंत्र अभिव्यक्ति का एक सशक्त मंच हो रहा है। सर्वत्र ‘स्टिंग आपरेशन’ की चर्चा है तथा ‘सूचना का अधिकार’ एक वरदान है जिसके सन्दर्भ में अद्यतन सामग्री प्रस्तुत कर ‘सम्पूर्ण पत्रकारिता’ को अपने में परिपूर्ण बनाया गया है।रेडियो, टीवी तथा मुद्रित माध्यमों के द्वारा संचार के क्षेत्र में अभूतपूर्व, असाधारण एवं क्रान्तिकारी परिवर्तन परिलक्षित हैं जिनमें असीम विश्व, अब सीमित ग्राम बन चुका है। इन्फॉर्मेशन टेक्नालॉजी के चलते शिक्षा, अनुसंधान में रोजगार के प्रचुर अवसर उपलब्ध हैं। अब जीवन शैली बदल चुकी है। समाज में समायोजित एवं गुणवत्ता के साथ रहने के निमित्त डिजिटल उपक्रम, उपग्रह एवं अन्तरिक्ष संसाधनों से संवादों के तत्काल विस्तार से सुपरिचित होना अपरिहार्य है जिसके लिए इस ग्रन्थ का अवगाहन आवश्यक है।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Sampurna Patrakarita (सम्पूर्ण पत्रकारिता)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Quick Navigation
×