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Sankshipt Stri Roga (संक्षिप्त स्त्रीरोग सचित्र)

251.00

Author Prof. Premvati Tiwari
Publisher Chaukhambha Visvabharati
Language Hindi
Edition 2015
ISBN 978-81-909871-3-4
Pages 495
Cover Paper Back
Size 14 x 4 x 22 (l x w x h)
Weight
Item Code CVB0039
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Description

संक्षिप्त स्त्रीरोग सचित्र (Sankshipt Stri Roga) आयुर्वेद के स्नातकों को सफल चिकित्सक एवं शिक्षक बनने के लिए स्त्रीरोग विषय के साहित्यिक पक्ष के ही साथ इसके चिकित्सात्मक/क्रियात्मक पक्ष का सम्यक् ज्ञान अत्यावश्यक है। आयुर्वेद की उपलब्ध संहिताओं में सम्यति प्रयोज्य स्वीरोग के क्रियात्मक ज्ञान सम्बन्धी विषय का उतना सुस्पष्ट उल्लेख नहीं है जिस अभाव की पूर्ति आधुनिक विज्ञान की पुस्तकों के आश्रय से करना अनिवार्य है। इस वास्तविकता को स्वीकार करते हुए भारतीय चिकित्सा केन्द्रीय परिषद् (CCIM) की शिक्षा समिति (Education Commettee) ने विशिष्ट शीर्षकों के अन्तर्गत आयुर्वेदिक संहिताओं में अनुपलब्ध परन्तु अत्यावश्यक विषयों का पाठ्यक्रम में समावेश किया है।

सम्प्रति उपलब्ध स्त्रीरोग की पुस्तकों में या तो आयुर्वेद के विषय का अतिसंक्षिप्त वर्णन है या अतिविस्तार एवं पुनरावर्तन, जो स्नातक स्तर के विद्यार्थियों के लिए वांक्षित नहीं है। विगत एक-दो दशकों में स्वीरोग के अन्तर्गत आने वाली व्याधियों/विकृतियों की चिकित्सा-विधा में अत्यधिक परिवर्तन हुआ है साथ ही स्वास्थ्य संरक्षण की दृष्टि से नए आयामों का भी समावेश भी हुआ है, जिनका ज्ञान अनिवार्य है। विदुषी लेखिका प्रो. (कु.) प्रेमवती तिवारी द्वारा लिखित स्वीरोग विज्ञान नामक पुस्तक आयुर्वेद जगत् की इस कमी को पूर्ण करती है क्योंकि इसमें लेखिका ने वाग्भट के निर्देश ‘सर्वतन्त्राणि अहत्य’ ‘युगानुरूप करिष्यामि का पूरा परिपालन किया है। आयुर्वेदिक संहिताओं में उपलब्ध समस्त विषय का महर्षियो के मतमतान्तर का पुनरावर्तन न करते हुए वैज्ञानिक विवेचन के साथ पूर्ण वर्णन कर आधुनिक विज्ञान की पुस्तकों से आवश्यक विषय लेकर उसका यथास्थान समायोजन किया है। किसी भी विषय के स्पष्टीकरण के लिए चित्र सशक्त माध्यम होते हैं। पुस्तक में चित्रों के द्वारा भी विषय स्पष्ट किया गया है। सुग्राह्यता की दृष्टि से सभी सम्बन्धित विषयों को तेईस (२३) अध्यायों के अन्दर समाहित किया गया है।

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